म्यांमार की सत्ता से बेदखल आंग सान सू की, की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं अब म्यांमार पुलिस ने आंग सान सू की के खिलाफ नए चार्जेस फाइल कर दिए हैं. मंगलवार के दिन आंग सान सू की के वकील ने कहा कि ये ऐसे चार्जेस हैं जिनसे की सू की को बिना ट्रायल के ही अनिश्चित समय तक के लिए जेल में रखा जा सकता है.
सू की के वकील खिन मूंग जाव (Khin Maung Zaw) ने राजधानी में जज से मिलने के बाद कहा है कि आंग सान सू की पर नेचुरल डिजास्टर मैनेजमेंट लॉ के अनुच्छेद 25 के चार्जेस लगाए गए हैं. इसका यूज अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता रहा है जो कोविड नियमों का उल्लंघन करते हैं. 1 फरवरी के दिन म्यांमार की आर्मी ने तख्तापलट करते हुए सू की को सत्ता से बेदखल कर दिया है. उन पर पहले से ही बिना रजिस्ट्रेशन के एक आयातित वॉकी-टॉकी पास रखने का आरोप लगा हुआ है.
कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन साल की सजा निर्धारित है. लेकिन नए चार्जेस के कारण उन्हें अनिश्चित काल के लिए हिरासत में रखा जा सकता है क्योंकि आर्मी द्वारा बनाई गई पैनल कोड में हुए बदलावों के कारण अब बिना कोर्ट परमिशन के भी डिटेंशन में रखा जा सकता है. मंगलवार के दिन यांगून और बाकी कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने आर्मी द्वारा किए गए तख्तापलट का विरोध किया गया और सू की और बाकी सदस्यों की रिहाई की मांग की गई.
मांडले में भी करीब 3 हजार प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया. जिनमें अधिकतर छात्र थे. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर में प्रदर्शनकारियों के हाथों में सू की के पोस्टर हैं जो तेज आवाज में लोकतंत्र के वापस बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं.
सोमवार के दिन भी मांडले में म्यांमार इकनोमिक बैंक से सामने कोई 1 हजार प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठा हुई जिसे पुलिस और आर्मी ने सख्ती के साथ तितर-बितर कर दिया. जिस तरह के समीकरण जनता और आर्मी के बीच बनते दिख रहे हैं उससे म्यांमार के इस राजनीतिक संकट का हल होता नजर नहीं आ रहा है.