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Nord Stream पाइपलाइन के पास रहस्यमयी वस्तु दिखी, डेनमार्क करेगा जांच... रूस पर जासूसी का शक

डेनमार्क को अपने समुद्री इलाके में रहस्यमयी वस्तु दिखी है. ये वस्तु दुनिया की सबसे बड़ी गैस पाइपलाइन के एकदम पास दिखी है. डेनमार्क को शक है कि ये रूस का कोई हथियार या ड्रोन है. जिसकी जांच करने के लिए डेनमार्क उस चीज को बाहर निकालने की तैयारी कर रहा है.

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बाएं से दाएं... फोटो में पाइपलाइन के पास दिख रही है वो रहस्यमयी वस्तु. दाएं नॉर्ड स्ट्रीम के लीकेज की तस्वीर. (फोटोः डेनमार्क रक्षा मंत्रालय)
बाएं से दाएं... फोटो में पाइपलाइन के पास दिख रही है वो रहस्यमयी वस्तु. दाएं नॉर्ड स्ट्रीम के लीकेज की तस्वीर. (फोटोः डेनमार्क रक्षा मंत्रालय)

डेनमार्क (Denmark) के रक्षा मंत्रालय और उनकी ऊर्जा एजेंसी ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन (Nord Stream Pipeline) के पास एक रहस्यमयी वस्तु देखी है. डेनमार्क अब इस वस्तु को बाहर लाने की तैयारी कर रहा है. क्योंकि उसे शक है कि कहीं रूस (Russia) ने पाइपलाइन को उड़ाने या क्षतिग्रस्त करने के लिए कोई हथियार तो नहीं लगाया है. या फिर किसी तरह का जासूसी यंत्र. 

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इसके पीछे वजह ये है कि डेनमार्क के पड़ोसी देश स्कैंडिनेविया (Scandinavia) में रूसी गतिविधियां बढ़ी हुई देखी जा रही हैं. डेनमार्क को शक है कि ये कोई रूसी हथियार है, जो फटा नहीं. इसके जवाब में रूस का मानना है कि अगर डेनमार्क उस चीज को निकालना चाहता है तो ये अच्छी बात है. लेकिन पहले डेनमार्क पुख्ता कर ले कि वो क्या चीज है. 

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के एकदम बगल में मौजूद यह सिलेंडर जैसी वस्तु करीब 16 इंच लंबी और 4 इंच व्यास की है. फिलहाल ये नहीं पता है कि ये किस तरह की वस्तु है. उसका किस तरह का व्यवहार या काम होगा. सबसे पहले जरूरी है उस वस्तु को बाहर निकालने की. इस रहस्यमयी वस्तु का पता तब चला जब डेनमार्क की सरकार ने क्षतिग्रस्त नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन की मरम्मत करने को कहा. 

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Norway Nord Stream Mysterious Object
ये है वो रहस्यमयी वस्तु जो नॉर्ड स्ट्रीम-2 पाइपलाइन के पास डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय को मिली है.  

यह रहस्यमयी वस्तु नॉर्ड स्ट्रीम-2 पाइपलाइन के पास है. जिसकी शुरुआती जांच के बाद लग रहा है कि ये कोई मैरीटाइम स्मोक बुवॉय है. यह बुरी स्थिति में चेतावनी संदेश भेजने का काम करता है. उधर नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन के मालिकों ने डेनमार्क की सरकार का साथ देने का वादा किया है. साथ ही उस वस्तु को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. 

उधर, रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने भी रिपोर्ट किया है कि रूस के अधिकारी डेनमार्क के इस कदम से खुश हैं. और वे इसका स्वागत करते हैं. ताकि सच्चाई का खुलासा हो सके. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले हफ्ते एक इंटरव्यू में कहा था कि गैजप्रोम को पाइपलाइन के कुछ हिस्सों का सर्वे करने को कहा गया है. क्योंकि अभी जहां पर रहस्यमयी वस्तु है, वहां से करीब 29 किलोमीटर दूर विस्फोटक मिला था.   

Nord Stream
पिछली साल नॉर्ड स्ट्रीम में हुई थी बड़ी लीकेज. (फोटोः AP)

रूसी समाचार एजेंसी का मानना है कि इनमें से कुछ विस्फोटक फट गए. तो कुछ नहीं फटे. डेनमार्क से ये खबर तब आई है, जब रूस की नौसेना के युद्धपोत और सबमरीन आसपास के समुद्र में निगरानी कर रहे हैं. इस बीच, नीदरलैंड्स और बेल्जियम ने भी रूस पर जासूसी वाले जहाज भेजने का आरोप लगाया. 

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कुछ दिन पहले इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस इलाके में ज्यादा गंभीर निगरानी व्यवस्था करने की बात कही थी. इंग्लैंड ने हाल ही में दो कॉमर्शियल ऑफ शोर वेसल खरीदें हैं. जिन्हें रॉयल नेवी के लिए तैयार किया जा रहा है. ये युद्धपोत समुद्र के नीचे नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन पर नजर रखेंगे.

क्या है नॉर्ड स्ट्रीम? 

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन तेल सप्लाई की पाइप है, जो समुद्र के नीचे बिछाई गई है. इसमें दो पाइपलाइंस हैं. इसे बनाने का काम साल 2011 में पूरा हआ था. नॉर्ड स्ट्रीम-1 रूस के वायबोर्ग के लेनिनग्राद से जर्मनी के ग्रिफ्सवॉल्ड के पास लुबमिन तक जाती है. नॉर्ड स्ट्रीम-2 जो लेनिनग्राद में उस्त-लुगा से होकर लुबमिन पहुंचती है. इसके पूरी तरह से चालू होने के बाद इसमें प्रतिवर्ष 55 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस को ले जाने की क्षमता है रूस के पास. 

नॉर्ड स्ट्रीम रूस, फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी सहित कई देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों एवं रूस, डेनमार्क तथा जर्मनी के जलीय क्षेत्र को पार करती है. जर्मनी में पाइपलाइन बाल्टिक सागर पाइपलाइन और उत्तरी यूरोपीय पाइपलाइन से जुड़ती है, जो आगे यूरोपीय ग्रिड से जुड़ती है.

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