नागोर्नो-काराबाख की राजधानी स्टेपानाकेर्ट के पहाड़ी इलाके में बसे शुशी शहर पर अजरबैजानी सेना ने कब्जा कर लिया है. एक माह से भी अधिक समय से चल रहे अर्मीनिया और अजरबैजान की सेना के बीच युद्ध में अब तक हजारों जानें जा चुकी हैं. बीते कुछ दिनों में अजरबैजान की सेना ने युद्ध तेज कर दिया. नागोर्नो-काराबाख के कई शहरों पर गोलाबारी की गई. जिसमें पहाड़ी इलाके में बसे शुशी शहर को भी निशाना बनाया गया था. रविवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा कि अजरबैजानी फोर्स ने नागोर्नो-काराबाख के शुशी शहर पर कब्जा कर लिया है.
दोनों देशों के बीच छह साल लंबा युद्ध चला
अर्मीनिया और अजरबैजान के बीच पहाड़ी क्षेत्र नागोर्नो-काराबाख को लेकर जंग जारी है. नागोर्नो-काराबाख आधिकारिक तौर पर अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यहां कब्जा आर्मीनिया का है. इस इलाके में आर्मीनियाई ज्यादा हैं.
इस विवादित हिस्से को लेकर दोनों देशों के बीच छह साल लंबा युद्ध चला, जिसके बाद 1994 में समझौते के साथ युद्ध खत्म हुआ, लेकिन उसके बाद फिर से अब दोनों देश एक-दूसरे को खत्म करने पर तुले हुए हैं. 27 सितंबर को दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता टूट गया, जिसके बाद ये जंग खत्म होते नहीं दिख रही है.
इस बीच अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने रविवार को कहा कि अर्मीनिया और अजरबैजान के पहाड़ी क्षेत्र में बसे शुशी शहर पर अजरबैजानी सेना ने कब्जा कर लिया है. उन्होंने कहा कि शुशी हमारा है और काराबाख भी हमारा है.
बता दें कि शुशी शहर पर अजरबैजानी सेना का कब्जा होने से अर्मेनिया को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि शुशी शहर नागोर्नो-काराबाख की राजधानी स्टीफनकैर्ट के दक्षिण में लगभग 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर है. ये शहर अर्मेनिया को नागोर्नो-काराबाख से जोड़ने वाली सड़क पर है. इससे अजरबैजान आसानी से नागोर्नो-काराबाख के अन्य क्षेत्रों में अपना कब्जा जमाने में कामयाब हो सकता है.