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मुझे बहस की चिंता नहीं, महापुरुषों को भगवदगीता भेंट की आगे भी करूंगा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन जापान में बसे भारतीयों को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी ने जहां भारत में टूरिज्‍म को बढ़ावा देने और लोगों से जुड़ने की बात की, वहीं यह भी बताया कि उन्‍होंने जापान में अपने समकक्ष और महापुरुषों को भगवदगीता भेंट की. मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह बात सेक्‍यूलर मित्रों को बुरी लग सकती है, लेकिन मुझे बहस की चिंता नहीं है.

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जापान में भारतीयों को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
जापान में भारतीयों को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन जापान में बसे भारतीयों को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी ने जहां भारत में टूरिज्‍म को बढ़ावा देने और लोगों से जुड़ने की बात की, वहीं यह भी बताया कि उन्‍होंने जापान में अपने समकक्ष और महापुरुषों को भगवदगीता भेंट की. मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह बात सेक्‍यूलर मित्रों को बुरी लग सकती है, लेकिन मुझे बहस की चिंता नहीं है.

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विवेकानंद सेंटर में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि उनकी जापान यात्रा बहुत ही सफल रही है. मोदी ने बताया कि जब आप किसी से मिलते हैं तो उपहार देते हैं और शिष्‍टाचार के तहत मैं यहां उपहार स्‍वरूप भगवदगीता लेकर आया. पीएम ने कहा, 'मैं गिफ्ट देने के लिए भगवदगीता लेकर आया था. हमारे सेक्‍यूलर मित्र इस पर तूफान खड़ा कर सकते हैं. मुझे इस पर बहस की चिंता नहीं है. वे कहेंगे की यह सांप्रदायिकता को बढ़ावा है. खैर, उनकी भी रोजी-रोटी चलनी चाहिए.'

मोदी ने स्‍पष्‍ट किया कि वह आगे भी दुनिया के किसी महापुरुष से मिलने पर गीता ही भेंट करेंगे. मोदी बोले, 'ये मेरा कमिटमेंट है. मेरे पास इससे बढ़कर देने को कुछ नहीं है और दुनिया के पास भी इससे ज्‍यादा पाने के लिए कुछ नहीं है.'

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भारत-जापान की मित्रता तय करेगी दिशा
भारतीय प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी की दुनिया की चर्चा करते हुए कहा कि इसके प्रारूप में हिंदुस्‍तान और जापान की मित्रता ही दिशा तय करेगी. मोदी ने कहा, 'सारी दुनिया कहती है कि 21वीं सदी एशिया की होगी. कोई आगे बढ़कर कहता है कि चीन की होगी, भारत की होगी. यानी यह तय है कि 21वीं सदी एशिया की होगी. लेकिन यह सदी कैसी होगी यह तय नहीं है. यह इस पर निर्भर करता है कि भारत-जापान की दोस्‍ती कैसी है. दोनों विश्‍व को किस दिशा में ले जाते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि इस मित्रता का प्रभाव पूरी शताब्‍दी पर रहने वाला है.'

एक आदमी गुणा 5 परिवार का सूत्र
हिंदुस्‍तान में टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने जापान में बसे भारतीयों से मदद की अपील की. नरेंद्र मोदी ने इस बा‍बत एक सूत्र बताते हुए कहा, 'हम इतने सालों से जापान में रहते हैं. हम संकल्‍प कर सकते हैं कि अपने प्रयत्‍न से हर वर्ष 5 जापानी परिवार को हिंदुस्‍तान देखने के लिए प्रेरित करेंगे. अगर जापान में 5000 भारतीय हैं और हर कोई हर साल 5 परिवार को भारत भेजे तो अंदाजा लगाइए कितना टूरिज्‍म डवलप होगा.' चाय वालों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि हिंदुस्‍तान में टूरिज्‍म बढ़ेगा तो गरीब को रोजी-रोटी मिलेगी. चाय वाले की चाय बिकेगी और आप भी चाहते हैं कि चाय वाले की चाय बिके.

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सरकारी वेबसाइट से जुड़ें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में बसे भारतीयों से भारत सरकार की इंटरेक्टिव वेबसाइट mygov से जुड़ने की अपील की. मोदी ने कहा कि आप इस वेबसाइट पर जाकर ओपन फोरम पर अपने विचार लिखें. सुझाव दें कि हिंदुस्‍तान में विकास के लिए क्‍या-कुछ किया जा सकता है. पीएम ने कहा कि ना मैं येन मांग रहा हूं, ना पाउंड मांग रहा हूं और ना ही डॉलर मैं बस योगदान मांग रहा हूं.

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