सिडनी में एक रॉकस्टार की तरह अपनी छाप छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कैनबरा पहुंच गए हैं. अपनी 10 दिवसीय विदेश यात्रा पर निकले मोदी मंगलवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के पीएम टोनी एबॉट के साथ शिखरवार्ता करेंगे. इस बैठक में दोनों देश सामाजिक सुरक्षा, सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण और नशीली दवाओं के कारोबार पर अंकुश लगाने समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के चार शहरों की यात्रा के तीसरे चरण में मोदी सिडनी से एयर इंडिया के विशेष विमान से करीब 30 मिनट की उड़ान के बाद सोमवार रात कैनबरा पहुंचे. यहां प्रोटोकॉल से हटकर डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट फेयरबेम में विदेश मंत्री जूली बिशप ने मोदी की अगवानी की. यह राजीव गांधी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के 28 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यात्रा को दिए जा रहे महत्व को दिखाता है. सामान्य तौर पर जब विदेशी मेहमान रात को पहुंचते हैं तो उनका इस स्तर से स्वागत करने का चलन नहीं है.
भारत और ऑस्ट्रेलियो के बीच होने वाले समझौतों की बात करें तो सामाजिक सुरक्षा पर समझौते से दोनों देशों के बीच कर्मचारियों के आदान-प्रदान में सुलभता आ सकती है. साथ ही यह दोतरफा निवेश को भी बढ़ावा दे सकता है. यात्रा के दूसरे चरण में जी-20 शिखरसम्मेलन में भाग लेने शुक्रवार को ब्रिस्बेन पहुंचे मोदी की यात्रा का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक भागीदारी करना है ताकि भारत के आर्थिक लक्ष्य और सामुद्रिक सुरक्षा समेत समग्र सुरक्षा हितों को मजबूत किया जा सके.
संघीय संसद में संबोधन
बताया जाता है कि मोदी एबॉट के साथ वार्ता के बाद संघीय संसद को भी संबोधित करेंगे. दोनों देशों के बीच मंगलवार को संस्कृति और पर्यटन पर सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर हो सकते हैं. मोदी ने अपनी यात्रा के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि ऑस्ट्रेलिया की उनकी यात्रा विशेष और ऐतिहासिक दोनों महत्व की है. ये समझौते सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण, नशीली दवाओं के व्यापार पर लगाम लगाने में सहयोग, सामाजिक सुरक्षा, पर्यटन और संस्कृति से जुड़े होंगे. मोदी की एबॉट के साथ बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पांच समझौते और सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
मोदी और एबॉट ने पिछले महीने दिल्ली में शिखर बैठक की थी और इस दौरान भारत व ऑस्ट्रेलिया ने असैन्य परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों नेताओं ने अपने संबंधित वार्ताकारों को निर्देश दिया है कि वे असैन्य परमाणु समझौते से जुड़ी प्रशासनिक प्रक्रियाएं जल्दी पूरी करें. इससे यूरेनियम व्यापार की शुरुआत जल्द करने में सुविधा होगी. ऑस्ट्रेलिया में विश्व का 40 फीसदी यूरेनियम भंडार है और वह सालाना करीब 7,000 टन येलो केक (यूरेनिया यूरेनियम का संघनित रूप) का निर्यात करता है. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने यूरेनियम बिक्री संबंधी वार्ता 2012 में शुरू की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी ने 1986 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी. मोदी यहां ऑस्ट्रेलिया की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के 4,50,000 लोग रहते हैं. एबॉट भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में 161 साल पुराने ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट मैदान में एक स्वागत समारोह की मेजबानी करेंगे. मोदी की 16 नवंबर से शुरू होने वाली तीन दिन की चार शहरों की यात्रा में ब्रिस्बेन, सिडनी, कैनबरा और मेलबर्न शामिल हैं.
-इनपुट भाषा से