म्यांमार में पीएम नरेंद्र मोदी ने यांगून में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया. यांगून में दिए गए अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों की सीमा ही नहीं, भावनाएं भी एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. बर्मी भाषा में भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि वह बचपन से ही कोई धार्मिक और आध्यात्मिक शहर जाना चाहते थे, यांगून आकर उनका यह सपना पूरा हुआ.
पीएम ने अपने भाषण में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में म्यांमार की भूमिका, आजाद हिंद फौज के इतिहास और विपश्यना का भी उल्लेख किया. साथ ही कहा कि यह वही धरती है, जहां बहादूर शाह जफर को दो गज जमीन मिली. मोदी के भाषण के दौरान कई बार हॉल में मोदी मोदी के नारे लगे, साथ ही भाषण खत्म होने पर कई मिनटों तक मोदी मोदी के नारे लगते रहे. उन्होंने कहा कि अनेक प्रवासी भारतीय विदेशों में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और भारत का नाम ऊंचा कर रहे हैं. प्रवासी भारतीयों को लेकर अपनी योजनाओं के बारे मोदी ने बताया कि वीजा जैसी जरूरतों के लिए भारतीय दूतावसों का दरवाजा 24 घंटे खुला है.
आतंकवाद से लड़ने की बात भी कही
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ कई कदम उठा रही है. मोदी ने कहा कि वह आतंकवाद, गरीबी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता मुक्त न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं. मोदी ने अपील की कि न्यू इंडिया वेबसाइट के जरिए प्रवासी भारतीय भी इस मिशन में शामिल हों. इससे पहले उनके पहुंचने से पहले ही पूरे हॉल में मोदी मोदी के नारे लगने शुरू हो गए. यांगून के थुवन्ना स्टेडियम में भारी संख्या में प्रवासी भारतीय इकट्ठा हुए. सिर्फ भारतीय नहीं बल्कि म्यांमार निवासियों में भी मोदी के लिए क्रेज देखने को मिला.
नोटबंदी, जीएसटी की बात की
पीएम मोदी ने भाषण में नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, जीएसटी के बारे में भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि न सिर्फ किसानों की समस्याओं को सुलझाने पर काम हुआ है बल्कि नोटबंदी जैसे कदमों से भ्रष्टाचारियों को शिकंजे में लाया गया है. जीएसटी को गुड ऐंड सिंपल टैक्स बताते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद लाखों कारोबारी पहली बार टैक्स सिस्टम से जुड़े हैं. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा पहुंच रहा है. नोटबंदी को लेकर हो रही आलोचना के बीच पीएम मोदी ने इस कदम को उचित ठहराते हुए साफ कहा कि उनकी सरकार देश के हित में 'बडे और सख्त' फैसले लेने से परहेज नहीं करेगी.
म्यांमार से हुए समझौते का किया उल्लेख
पीएम ने कहा कि म्यांमार से भारत का रिश्ता अब और मजबूत होगा. ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर, बॉर्डर समझौते और क्रॉस बॉर्डर मोटर व्हीकल समझौतों के जरिए दोनों देशों के बीच आदान प्रदान बढ़ाया जाएगा. इससे पहले म्यांमार दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ डेलिगेशन लेवल की वार्ता की. दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया. भारत और म्यांमार के बीच कुल 11 समझौते हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ मुलाकात करने के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि भारत म्यांमार की चिंता में भागीदार है. हम भारत की चुनौतियों को समझते हैं, पड़ोसी होने के नाते सुरक्षा के मोर्चे पर हमारी मुश्किलें एक जैसी ही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि बतौर पड़ोसी और एक्ट ईस्ट पॉलिसी के संदर्भ में म्यांमार के साथ रिश्ते मजबूत करना भारत की प्राथमिकता है.
यांगून पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने बगन में अन्नडा मंदिर का दौरा किया और पूजा अर्चना की.Myanmar: People cheer for PM Modi at Thuwunna Stadium in Yangon ahead of his address to the Indian community pic.twitter.com/xBcGSfT3DC
— ANI (@ANI) September 6, 2017
Myanmar: Prime Minister Narendra Modi visits Ananda Temple in Bagan pic.twitter.com/wU5FSp621p
— ANI (@ANI) September 6, 2017
इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने म्यांमार पहुंचने के बाद ट्वीट किया, 'अभी ने प्यी ता पहुंचा, मेरी म्यांमार यात्रा यहीं से शुरू होगी. म्यांमार की यात्रा के दौरान मैं कई कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा'. बता दें कि मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण के तहत यहां पहुंचे हैं. पीएम मोदी ने म्यांमार के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान उन्हें कई तोहफे भी दिए. पीएम ने उन्हें बोद्धि वृक्ष भी तोहफे में दिया.
Also presented President Htin Kyaw a sculpture of Bodhi tree. pic.twitter.com/fZ6cOCntFO
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2017
Presented Myanmar President U Htin Kyaw a reproduction of a 1841 map of a stretch of the River Salween. pic.twitter.com/I84UUei3jk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2017
भारत-चीन के लिए अहम है म्यांमार
म्यांमार को भारत के लिए दक्षिण-पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार माना जाता है. चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है. ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है. म्यांमार चीन की वन बेल्ट वन रोड़ परियोजना का एक अहम पड़ाव है. दोनों देश चाहेंगे कि म्यांमार उनके साथ खड़ा हो.
रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा भी गरम
आपको बता दें कि म्यांमार में लगातार रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों ने एक बार फिर से दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. भारत समेत सयुंक्त राष्ट्र भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 400 रोहिंग्या मुस्लिम की हत्या हो चुकी है. वे बड़े पैमाने पर अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ों और नदियों के रास्ते म्यांमार को पार कर बांग्लादेश के कुटुपालंग रिफ्यूजी कैंप की ओर पलायन कर रहे हैं.