प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत में आतंकवाद बाहर से आ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश के मुसलमान अल कायदा के मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों पर शक नहीं किया जा सकता.
वॉशिंगटन रवाना होने से पहले यहां काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) में मोदी ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती चाहता है. उन्होंने भारत में आतंक को आयातित करार दिया और कहा कि भारत के मुसलमान अलकायदा को फेल कर देंगे.
मोदी ने कहा, 'आपने देखा होगा कि भारत में आतंकवाद का जो स्वरूप है वह उसकी धरती से नहीं उपजा है बल्कि यह निर्यात किया गया है.' भारत में अल-कायदा की शाखाएं खोले जाने से जुड़े सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है और उसके नागरिक कभी आतंकवाद का साथ नहीं दे सकते.
मोदी ने कहा कि आतंकवाद से राजनीतिक नफा नुकसान की बिना पर नहीं लड़ा जा सकता और इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से उपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती है. आतंकवाद एक विकृति है जो कल्पना से परे है.'
प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि दुनिया के बहुत से देश आतंकवाद के घिनौने रूप को कभी समझ नहीं पाए.
मोदी ने कहा कि 1993 में वह अमेरिका आये थे और यहां के अधिकारियों से उनकी
बात भी हुई थी लेकिन तब वे इसे आतंकवाद नहीं बल्कि कानून और व्यवस्था की
समस्या बताते थे। उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में जब मैं यहां आया तो वे
मुझे समझा रहे थे कि आतंकवाद क्या होता है क्योंकि तब यहां 9-11 की घटना हो
गई थी यानि जब तक हमारे यहां बम नहीं गिरता, हम आतंकवाद को नहीं समझते.
प्रधानमंत्री
ने कहा कि हमने 40 साल से आतंकवाद को भुगता है और दुनिया को आगाह किया कि
आतंकवाद की कोई सीमा और देश नहीं होता. और यह कब कहां आ धमकेगा, किसी को
पता नहीं होता. ऐसी विकृति की कल्पना नहीं की गयी होगी जब पत्रकारों का गला
काटा जा रहा है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के साधन चाहे जो
भी हों, उससे लड़ने का रास्ता एक ही है और वह है मानवता में विश्वास.
उन्होंने कहा कि विश्व को मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर सबके कल्याण के लिए
इस बुराई से लड़ना होगा.
पश्चिम एशिया का उल्लेख करते हुए मोदी ने
कहा कि यह क्षेत्र कभी इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन आज वहां कैसी
हालत हो गई है. आतंकवाद से लड़ने के लिए उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने पर
जोर देते हुए कहा, 'पर्यटन जोड़ता है और आतंकवाद बांटता है. इसलिए मैं
पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता हूं.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत जारी है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत में बिजनेस करने का माहौल बनाया है. मोदी ने भारत में एफडीआई के लिए बजट में बदलावों का भी जिक्र किया.