भारतीय सांसदों के अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेजी गई चिट्ठी से बवाल मचा हुआ है. इस बीच अमेरिका ने कहा है कि अगर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो उनके आवेदन पर अमेरिकी आव्रजन कानून के अनुसार विचार किया जाएगा. गौरतलब है कि कुछ भारतीय सांसदों ने बराक ओबामा को चिट्ठी लिखकर मोदी को वीजा न दिए जाने की अपील की है.
अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि अगर मोदी वीजा के लिए आवेदन करेंगे तो कानून के अनुसार जरूर उनके आवेदन पर विचार किया जाएगा. हमारे नियमों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. उधर मोदी को वीजा देने पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाने संबंधी 65 सांसदों की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को लिखे गए पत्र को बीजेपी ने ‘कांग्रेस की गंदी चाल विभाग’ का कृत्य बताया और इसकी जांच की मांग की.
पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘65 सांसदों में से कुछ का ओबामा को पत्र लिखने की बात से इंकार करना साफ दर्शाता है कि यह कांग्रेस के कुत्सित चाल विभाग का षडयंत्र है. कुछ सांसदों ने कहा है कि उनके जाली हस्ताक्षर किए गए हैं. इस मामले की विस्तृत जांच करके दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए.’ सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि ओबामा को भेजे गए पत्र पर उनके हस्ताक्षर ‘कट एंड पेस्ट’ का मामला लगता है. कुछ अन्य सांसदों ने भी कहा है कि पत्र पर उनके जाली हस्ताक्षर किए गए हैं.
बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने ट्वीटर पर कहा, ‘मोदी से राजनीतिक रूप से नहीं निपट पाने पर अब क्या इसके लिए बाहरी मदद ली जा रही है? भारतीय राजनीतिक लड़ाई के लिए अमेरिका से थर्ड अंपायर?’ बताया जाता है कि लोकसभा के 40 और राज्यसभा के 25 सदस्यों ने ओबामा को पत्र लिखा है कि मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने की नीति को जारी रखी जाए.