नासा ने हायपरसोनिक इनफ्लेटेबल एयरोडायनामिक्स डिसीलेरेटर (एचआईएडी) तकनीक या यान को भीषण गर्मी से बचाने वाले कवच का इस्तेमाल करते हुए मंगल पर मालवाहक यान उतारने के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्रों से उनके सुझाव मांगे हैं.
HIAD को विकसित करने में लगा नासा
वर्जीनिया के हेम्प्टन में नासा के लांग्ले रिसर्च सेंटर में गेम चेंजिंग डेवलपमेंट प्रोग्राम (जीसीडी) के मैनेजर स्टीव गडीज ने कहा, ‘ नासा अभी एचआईएडी को विकसित कर रहा है और विमान पर परीक्षण कर रहा है. विमान में बिल्कुल हल्के किस्म का बाहरी कवच होगा, जिससे कि मंगल के सतह पर 22 टन से ज्यादा सामग्री भेजी जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘ चालक दल के सदस्यों के साथ मंगल पर उतरने वाले विमान का वजन 15 और 30 टन के बीच हो सकता है.’
छात्रों की टीम पेश करे सिद्धांत
फिलहाल, नासा का मार्स क्यूरिओसिटी यान लाल ग्रह पर उतरने वाला सबसे वजनदार यान है और इसका वजन एक टन था. नासा ने तीन से पांच अंडरग्रेजुएट या ग्रेजुएट छात्रों की टीम को 15 नवंबर तक अपनी संकल्पना का उल्लेख करते हुए सिद्धांत पेश करने को कहा है.
इनपुट- भाषा