भविष्य में आपके किचन की सूरत पूरी तरह बदलने वाली है. जी हां, आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि आप जिस रेफ्रीजरेटर और ओवन पर इतना इतराते हैं वह जल्द ही आपके किचन से बाहर होने वाला है. अरे घबराइए मत, अब इनकी जगह आपके किचन में होगा एक ऐसा 3D प्रिंटर जो आपके लिए कारतूस के पाउडर से खाना बनाएगा, जिसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होंगे. आप यकीन करें या न करें लेकिन यह सच है.
भले ही आज यह अवधारणा दूर की कौड़ी लगे, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने 3D प्रिंटर बनाने वाली एक फर्म सिस्टम्स एंड मैटेरियल रिसर्च कॉर्पोरेशन (SMRC) को 6 महीने के लिए 125,000 डॉलर की ग्रांट दी है ताकि वह 'यूनिवर्सल फूड सिन्थनाइजर' नाम के इस डिवाइस का विकास कर सके.
यह डिवाइस अमेरिकी शो 'स्टार ट्रेक' टीवी सीरीज के 'रेप्लीकेटर' से मिलता-जुलता है, जिसके जरिए शो के सदस्य अपने लिए मनपसंद खाना बना लेते थे.
दरअसल, NASA इस प्रोजेक्ट में इसलिए निवेश कर रहा है क्योंकि वह स्पेस तक आसानी से ज्यादा मात्रा में पौष्टिक खाना ले जाना चाहता है. हालांकि SMRC के संयोजक अंजान कॉन्ट्रेक्टर को विश्वास है कि इस डिवाइस के बन जाने से धरती में भोजन की समस्या दूर हो जाएगी.
अनुमान है कि एक दिन पृथ्वी की आबादी 12 बिलियन हो जाएगी और हमारे भोजन स्रोतों पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा. कॉन्ट्रेक्टर कहते हैं, 'मुझे और कई अन्य अर्थशास्त्रियों को लगता है कि मौजूदा भोजन तंत्र 12 बिलियन लोगों का पेट नहीं भर पाएगा.'
ऐसे हालात में जहां केवल अमीर ही असली मीट, मछली और सब्जियां खा पाएंगे, वहीं कॉन्ट्रेक्टर भविष्यवाणी करते हैं कि बाकी सब कारतूस के पाउडर से बना पौष्टिक कृत्रिम भोजन खाएंगें.
पारंपरिक खाद्य स्रोतों की कमी को देखते हुए यह पाउडर कीड़ों समेत हर उस चीज का हो सकता है जिसमें सही मात्रा में जैविक कण मौजूद हों. इस तकनीक के जरिए परत दर परत भोजन बनाया जाएगा.
डच टेक्नोलॉजी कंपनी टीएनओ रिसर्च ने सुझाव दिया है कि 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी कीड़े-मकौड़े, शैवाल और घास तक को खाने की चीजों में तबदील कर सकती है.
3D प्रिंटिंग के लिए पिज्जा बनाना सबसे आसान है क्योंकि उसमें कई परतें होती हैं. कॉन्ट्रेक्टर की अगले कुछ हफ्तों में 'पिज्जा प्रिंटर' बनाने की योजना है. इस तकनीक का इस्तेमाल कर वह पहले ही 'चॉकेलेट बार' प्रिंट कर चुके हैं.