पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का अंदाज सरहद पार करते ही बदल गया. सुबह इमरान के शपथ ग्रहण में पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को जादू की झप्पी देने वाले सिद्धू ने शाम होते-होते एक कदम और बढ़ते हुए पाकिस्तान और बाजवा की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े.
पाकिस्तान पहुंचे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक के बाद एक विवादित बयान देते जा रहे हैं. इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सुबह पाकिस्तानी सेना के चीफ बाजवा से गले मिलने वाले सिद्धू ने शाम को इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान और बाजवा की जमकर तारीफ की.
इस्लामाबाद में इमरान खान की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाने वाले सिद्धू पाकिस्तानी सेना की करतूतों को भूल गए और उनकी जमकर तारीफ की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने कहा कि मैं एक मोहब्बत का पैगाम हिन्दुस्तान से लाया था. जितनी मोहब्बत मैं लेकर आया था, उससे 100 गुना ज्यादा मोहब्बत मैं वापस लेकर जा रहा हूं. सिद्दू ने पाकिस्तान की तारीफ करते हुए कहा कि जो वापस आया है, वो सूद समेद आया है.
सिद्धू इतने पर ही नहीं रुके. सिद्धू ने कहा कि जनरल बाजवा साहब ने मुझे गले लगाया और कहा- हम शांति चाहते हैं. सिद्धू ने कहा कि आज सुबह जनरल बाजवा मेरे पास आए और कहा कि हम लोग गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर करतारपुर रूट खोलने पर विचार कर रहे हैं.It's our duty that we go back&ask our govt to take a step ahead&I hope if we take one step forward, people here will take two steps forward.Gen Bajwa sahab hugged me&said,“We want peace”. So, let's swim in a blue ocean&shun red ocean. It's my dream:Navjot S Sidhu in #Pakistan. pic.twitter.com/H5ZgxrPcXz
— ANI (@ANI) August 18, 2018
सिद्धू अपने दोस्त इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने गए थे, लेकिन पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ गलबहियां किसी को पच नहीं रहीं. किसी को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर सीमा पर गोलियां दागने वाली पाक सेना के मुखिया जनरल कमर जावेद बाजवा को सिद्धू कैसे झप्पी दे गए. औपचारिकता के नाते मिलना-मिलाना तो ठीक था, लेकिन गले लगाना हर किसी को नागवार लग रहा है. यहां तक कि कांग्रेस भी सिद्धू की इस ‘हरकत’ से असहज महसूस कर रही है.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. इमरान के शपथ ग्रहण में सिद्धू के बैठने पर भी विवाद गहरा गया है. इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू पीओके के राष्ट्रपति के साथ बैठे नजर आए. पीओके कश्मीर का वो हिस्सा है, जिसे पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है.
पाकिस्तान के कब्ज़े वाले जिस कश्मीर को भारत ने आज तक मान्यता नहीं दी, इमरान ने अपनी शपथ में सिद्धू को उसी पीओके के कथित मुखिया के साथ वाली कुर्सी पर बैठाया, ताकि दुनिया भर को संदेश दिया जा सके कि जिसे हिंदुस्तान मानता तक नहीं, उसी हिंदुस्तान के एक मंत्री उसके मुखिया के साथ मंच साझा कर आए हैं. बेशक कांग्रेस ने सिद्धू को जाने से रोका नहीं. सरकार ने भी सिद्धू को टोका नहीं. लेकिन सिद्धू के इस रवैये ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इमरान के शपथ का न्योता सिद्धू के साथ-साथ सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी गया था, लेकिन दोनों इससे कन्नी काट गए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस शपथ के साथ ही वह पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बने गए.
इससे पहले पाकिस्तान पहुंचने पर सिद्धू ने कहा था कि इमरान को दोनों देशों के बीच अमन की बहाली की पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह भारत के सद्भावना दूत के रूप में मोहब्बत का पैगाम लेकर पाकिस्तान आए हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यहां राजनेता के रूप में नहीं बल्कि दोस्त के रूप में आया हूं. मैं यहां अपने दोस्त (इमरान) की खुशी में शरीक होने आया हूं.