पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है. उन्होंने मीडिया में चल रहे ‘देहाती औरत’ वाले बयान का खंडन करते हुए पूरे मामले पर खेद जताया है.
‘देहाती औरत’ टिप्पणी के लिए जिम्मेदार ठहराये जा रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस मामले को लेकर परेशान हैं. जानकारी के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक संदेश भेजकर कहा है कि उन्होंने उनके लिए कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया.
न्यूयॉर्क में वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, नवाज शरीफ को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई है कि कथित टिप्पणी को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है, तो उन्होंने अपने नजदीकी सहयोगियों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द भारतीय अधिकारियों से सम्पर्क करें.
ऐसा समझा जाता है कि शरीफ ने अपने विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी को यह जिम्मेदारी सौंपी कि वे मनमोहन सिंह को वास्तविक स्थिति के बारे में संदेश दें कि उन्होंने उनके लिए कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया.
जिलानी ने सुबह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से सम्पर्क करके पाकिस्तान की स्थिति समझायी. सूत्रों के अनुसार, मेनन ने जिलानी से कहा कि उन्होंने ऐसे बयान की प्रमाणिकता की पुष्टि कर ली है और उन्हें वास्तविकता की जानकारी है. ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने मेनन से कहा कि प्रधानमंत्री को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है. यह पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के लिए बड़ी राहत के रूप में सामने आया.
इससे पहले नवाज शरीफ द्वारा आयोजित सुबह के नाश्ते में मौजूद एक पाकिस्तानी पत्रकार ने इस बात से इनकार कर दिया कि शरीफ ने मनमोहन सिंह के लिए ‘देहाती औरत’ जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल किया.
हालांकि उन्होंने कहा कि शरीफ इससे खुश नहीं थे कि मनमोहन सिंह ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से वाशिंगटन में मुलाकात की, तो उन्होंने पाकिस्तान के बारे में ‘शिकायत’ की. पाकिस्तान के आज टीवी के पत्रकार अबसार आलम ने कहा, ‘उन्होंने कभी ऐसा शब्द नहीं कहा.’ उन्होंने कहा कि शरीफ ने अपनी नाखुशी एक प्रचलित कथा का उल्लेख करते हुए व्यक्त की.
उन्होंने कहा, ‘यह कहानी इस तरह से है कि एक कार्यक्रम के बाद सभी लोग एक हॉल में सोते हैं. उनमें से एक सुबह उठता है और दुआ करते हुए कहता है अल्लाह देखिये, मैं आपसे दुआ कर रहा हूं, जबकि ये सभी सो रहे हैं. कुछ अन्य लोग उसे सुन लेते हैं. वे उससे कहते हैं कि तुम हमारी शिकायत करने की बजाय अपनी दुआ पर ध्यान क्यों नहीं लगाते?’