पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को अपने देश के आर्थिक संकटों के लिए परोक्ष रूप से सेना को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हमारे दुखों के पीछे न तो भारत है और न ही अमेरिका, बल्कि हमने खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है. लाहौर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के टिकट दावेदारों के साथ बातचीत के दौरान पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें 1993, 1999 और 2017 में तीन बार सत्ता से बेदखल किया गया.
नवाज शरीफ ने कहा, 'आज पाकिस्तान (अर्थव्यवस्था की स्थिति के मामले में) जहां पहुंच गया है, वह भारत, अमेरिका या यहां तक कि अफगानिस्तान ने भी नहीं किया है. वास्तव में, हमने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली...उन्होंने (सेना का संदर्भ) 2018 के चुनावों में धांधली करके इस देश पर एक अपने द्वारा चयनित सरकार थोप दी, जिससे लोगों को परेशानी हुई और अर्थव्यवस्था गिर गई'. पाकिस्तान के इस 73 वर्षीय राजनेता ने सैन्य तानाशाहों को वैध ठहराने के लिए न्यायाधीशों की आलोचना की.
पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हामिद पर हमला बोला
उन्होंने पूछा, 'जब वे संविधान का उल्लंघन करते हैं तो न्यायाधीश उन्हें (सैन्य तानाशाहों को) माला पहनाते हैं और उनके शासन को वैध बनाते हैं. जब बात प्रधानमंत्री की आती है तो न्यायाधीश उसे पद से हटाने पर मुहर लगा देते हैं. संसद को भंग करने के कृत्य को भी न्यायाधीश मंजूरी देते हैं...क्यों?' पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो ने 2017 में उन्हें सत्ता से बेदखल करने में पूर्व आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हामिद की भूमिका के लिए उन पर हमला बोला. पिछले हफ्ते नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में अदालत ने बरी कर दिया था. उन्हें एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में पहले ही बरी कर दिया गया था, जिसमें उन्हें जुलाई 2018 में दोषी ठहराया गया था और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. फ्लैगशिप भ्रष्टाचार मामले में भी उन्हें कोर्ट से राहत मिली है.
'मैं सुबह PM था और शाम को अपहरणकर्ता घोषित कर दिया'
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में उन लोगों (फैज हामिद और अन्य) के खिलाफ मामला खोला गया है, जिन्होंने कहा था कि अगर नवाज जेल से बाहर आए तो उनकी दो साल की मेहनत बर्बाद हो जाएगी'. नवाज शरीफ चार साल का आत्म-निर्वासन समाप्त करके गत अक्टूबर में लंदन से पाकिस्तान लौटे थे. वह एकमात्र पाकिस्तानी राजनेता हैं जिन्होंने रिकॉर्ड तीन बार प्रधानमंत्री रहते हुए तख्तापलट का सामना किया है. नवाज ने सोमवार को पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 1999 में, 'मैं सुबह प्रधानमंत्री था और शाम को मुझे अपहरणकर्ता घोषित कर दिया गया. इसी तरह 2017 में अपने बेटे से वेतन नहीं लेने के कारण मुझे सत्ता से बाहर कर दिया गया'.
'जबरदस्ती मेरे खिलाफ आवश्यक अदालती फैसले हासिल किए'
उन्होंने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सुप्रीमो इमरान खान का जिक्र करते हुए कहा, 'उन्होंने (सेना) यह निर्णय लिया क्योंकि वे अपने किसी व्यक्ति को सत्ता में लाना चाहते थे'. पिछले गुरुवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए 2014-17 तक सेना की कमान संभालने वालों ने वरिष्ठ न्यायाधीशों को मजबूर किया था. नवाज शरीफ ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था, 'उन्होंने (सेना का संदर्भ) वरिष्ठ न्यायाधीशों के आवासों का दौरा किया और उन्हें धमकाया. उन्होंने जबरदस्ती मेरे खिलाफ आवश्यक अदालती फैसले हासिल किए'.