पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ अपने देश की समस्याओं को तो सुलझा नहीं पा रहे हैं, कश्मीर का मुद्दा सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. आज पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नवाज शरीफ ने भारत को खूब खरी खोटी सुनाई और बाद में बातचीत के जरिये इस समस्या का हल निकालने की बात भी कही.
पाकिस्तान 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाता है और उस दिन वहां सरकारी छुट्टी होती है. इस अवसर पर नवाज शरीफ पाक अधिकृत कश्मीर पहुंचे और उन्होंने वहां आजाद जम्मू और कश्मीर विधान सभा में भाषण दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझा तो इसी तरह लड़ाइयां होती रहेंगी. पाकिस्तान के अखबार डॉन ने यह खबर दी है.
उन्होंने कहा कि सरकार और पाकिस्तान की जनता कश्मीर एकजुटता दिवस मना रही है. हम इस अवसर पर कश्मीरी जनता के संघर्ष को समर्थन देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर की जनता के साथ अत्याचार हो रहे हैं. उन्हें कुचला जा रहा है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है. उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि कश्मीर के लोगों पर अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं.
शरीफ ने यह भी आरोप लगाया कि हजारों कश्मीरियों की जान जा चुकी है और हजारों भारत की जेलों में बंद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी लोग संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अपने भाग्य का निर्धारण करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के संघर्ष में साथ देता रहेगा. लेकिन बाद में शरीफ थोड़े ठंडे पड़ गए और उन्होंने भारत से कहा कि वह इस मुद्दे पर पाकिस्तान से संपूर्ण और फलदायी बातचीत करे.
उन्होंने कहा कि दोनों देश शांतिपूर्ण ढंग से इस मुद्दे को सुलझाएं. पाकिस्तान बनने के बाद से ही कश्मीर वहां के नेताओं के लिए एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिसका वे हमेशा राजनीतिक ढंग से इस्तेमाल करते हैं. जब भी वे अपने देश की समस्याएं सुलझाने में असफल होते हैं तो कश्मीर का मसला उठा देते हैं. यही कारण है कि नवाज शरीफ ने भी इस साल यह मामला पूरी ताकत से उठा दिया है.
वह भी गरीबी, अशिक्षा और आतंकवाद से जूझते पाकिस्तान के लिए कुछ कर पाने में असमर्थ दिखते हैं. ऐसे में जनता का ध्यान भटकाने के लिए वह ऐसे भाषण दे रहे हैं.