तालिबान के साथ शांति वार्ता की शर्तें तय करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि आतंकवादियों को हिंसा छोड़नी होगी और सरकार के साथ किसी तरह की बातचीत से पहले देश के संविधान को मानना होगा.
शरीफ ने यह आशंका भी जताई कि लगातार अमेरिकी ड्रोन हमलों से पाकिस्तानी तालिबान से बातचीत करने की उनकी नीति कमजोर होगी. पाकिस्तानी तालिबान अल-कायदा से जुड़ा हुआ संगठन है.
शरीफ ने कहा, ‘बातचीत शुरू होने के बाद भी जाहिर है कि हम उन्हें (ड्रोन हमलों को) बातचीत को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाला मानेंगे, जिनसे हर कीमत पर बचा जाना चाहिए.’ शरीफ सरकार ने पाकिस्तानी तालिबान के साथ शांति वार्ता की पेशकश की है लेकिन कुछ हमलों के कारण ये अधर में चले गए हैं.
शरीफ ने आतंकवादियों के लिए कुछ शर्तें बताई हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को आतंकवाद छोड़ना होगा. उन्हें पाकिस्तान के संविधान को मानना होगा. शरीफ ने कहा, ‘उनकी ओर से अकसर कहा जाता है कि वे देश के संविधान को नहीं मानते. लेकिन संविधान को मानना होगा.’