पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों को 1999 में ‘हमने जहां छोड़ा था’ वहीं से शुरुआत करने की जरूरत है. उन्होंने वादा किया कि वह पाक सरजमीं से कभी भी भारत-विरोधी गतिविधियों की इजाजत नहीं देंगे.
शरीफ ने यह भी कहा कि सत्ता में वापस आने पर वह मुंबई हमलों की यहां सुनवाई में तेजी लाएंगे और इस हमले में आईएसआई की भूमिका की जांच कराएंगे.
उन्होंने कश्मीर मुद्दे को शांतिपूर्ण ढ़ंग से सुलझाने पर जोर दिया और सुझाव दिया कि वर्ष 1999 के करगिल ऑपरेशन की सच्चाई सार्वजनिक करते हुए परोक्ष रूप से वार्ता शुरू करनी चाहिए.
शरीफ ने कहा, ‘साल 1999 में जहां बाधा पड़ गई थी, हमें वहीं से शुरुआत करनी होगी. वाजपेयी (अटल बिहारी) आगे आए थे, हमने ऐतिहासिक लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किया था. उन्होंने पाकिस्तान के बारे में बड़ी अच्छी बातें कही थीं, जो अभी भी मेरे जेहन में तरोताजा हैं. मैं भी ऐसा ही महसूस करता हूं. मुझे लगता है कि वह समय वापस आना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा था, ‘नवाज साहब हम साल 1999 को भारत-पाकिस्तान के बीच सभी समस्याओं के सुलझने का वर्ष घोषित क्यों नहीं कर सकते.’
शरीफ ने कहा, ‘उन्होंने बहुत अच्छी बातें कही थीं. यदि हमें देश पर दोबारा सत्ता में वापस लौटने का मौका मिला तो ये चीजें हमारी मुख्य प्राथमिकता होगी.’
सीमा पार आतंकवाद के मामले में पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि हमारी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए हो. इस तरह के तत्व जानबूझकर रिश्ते को नुकसान पहुंचा रहे हैं.’
मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कई संगठनों को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है. अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं तो मैं सुनिश्चित करूंगा कि पाकिस्तानी सरजमीं का भारत के खिलाफ कभी इस्तेमाल नहीं हो. हाफिज सहित या किसी और को भी भारत के खिलाफ इस तरह की तकरीरें करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.’
मुंबई हमले को लेकर डेविड हेडली के बयान में आईएसआई का नाम लिए जाने के बारे में शरीफ ने कहा, ‘अगर उसने ऐसा बयान दिया है तो पहले ही इसकी पड़ताल होनी चाहिए. परंतु यह बयान कितना सही है इसे भी हमें देखना होगा. मेरा मानना है कि करगिल सहित इस तरह के दूसरे मामलों की सावधानी से जांच होनी चाहिए.’ शरीफ ने कहा कि करगिल ऑपरेशन के बारे में पूरी पाकिस्तानी सेना को अंधेरे में रखा गया था.
कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इसका समाधान शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए जो न सिर्फ दोनों देशों बल्कि, कश्मीर के लोगों के लिए भी संतोषजनक हो.