पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत-पाक के रिश्तों में यह ‘तनाव का मुख्य कारण’ है. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को संभालने के नये तरीके खोजने के लिए इस विषय के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की.
इस्लामाबाद में स्वतंत्रता दिवस परेड को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, ‘हम अपनी पूरी गंभीरता के साथ कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं ताकि तनाव के इस मुख्य स्रोत को समाप्त करके पाकिस्तान और भारत अपने रिश्तों को मजबूत करने के नये तरीके खोज सकें.’ शरीफ का बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ आतंकवाद की परोक्ष जंग में शामिल होने का आरोप लगाया था.
पाकिस्तान और भारत के बीच इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. नई दिल्ली ने कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में चिंता की मुख्य वजह आतंकवाद है. पाकिस्तान ने मोदी के बयानों को निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. भारत ने पिछले कुछ सप्ताहों में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
शरीफ ने अपने भाषण में कहा कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देना उनकी विदेश नीति का प्रमुख सिद्धांत है. उन्होंने कहा, ‘हमारा देश शांतिपूर्ण है. हम देश में शांति की ओर बढ़ रहे हैं और अपनी सीमाओं पर भी दीर्घकालिक शांति चाहते हैं.’ शरीफ ने अफगानिस्तान में भी दीर्घकालिक और स्थाई शांति की वकालत की ताकि पूरा क्षेत्र विकास की ऊंचाइयों को छू सके.
संसद परिसर में आयोजित समारोह में तीनों सेनाओं के प्रमुख, मंत्री, राजनयिक, वरिष्ठ अधिकारी और कारोबारी मौजूद थे.
शरीफ ने कहा कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं और पिछले दिनों उन्होंने भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं होने पर खेद जताया था.