दूसरे दलों पर बड़ी बढ़त हासिल करने वाली पीएमएल-एन PML(N) पार्टी के नेता नवाज शरीफ तीसरे बार पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रहे हैं. शरीफ पूर्व में सैन्य तख्तापलट का शिकार बन थे और उन्हें देश से निर्वासित कर दिया गया था, इस जीत से दोबारा उनकी शानदार वापसी हुई है.
आम चुनाव के हालांकि अभी पूरे परिणाम सामने नहीं आए हैं, लेकिन पीएमएल-एन को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है. नवाज ने इसके लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया और भरोसा दिलाया कि चुनाव के दौरान उन्होंने तथा उनकी पार्टी के नेताओं ने जो वादे किए थे, वे पूरे किए जाएंगे.
वहीं, भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनाव में नवाज शरीफ को मिली ‘शानदार जीत’ पर उन्हें बधाई दी. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान के चुनाव परिणाम का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की है कि शरीफ के नेतृत्व में भारत के साथ उसके (पाकिस्तान के) अच्छे संबंध बरकरार रहेंगे.
अब तक 234 सीटों के आए नतीजे
आधिकारिक नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं. नेशनल असेंबली की 272 सीटों में से जिन 234 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, उनके मुताबिक, पीएमएल-एन ने107 सीटें जीत ली हैं जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 28 और इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को 32 सीट मिले हैं. वहीं, 67 सीटों पर अन्य पार्टियों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि पाकिस्तानी टीवी चैनलों के अनुसार किसी भी दल को 342 सदस्यीय नेशनल एसेंबली में 172 सीटों का साधारण बहुमत हासिल नहीं होगा.
इमरान खान तीन सीटों पर विजयी, एक पर हारे
क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान में हो रहे ऐतिहासिक आम चुनावों में दूसरा स्थान पाने की दिशा में बढ़ रही है. खुद इमरान नेशनल असेंबली की तीन सीटों पर चुनाव जीत गए लेकिन लाहौर में वह चुनाव हार गए हैं.
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पाक चुनाव में कई बड़े नाम धूल में मिले
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ सहित देश की राजनीति पर किसी समय सितारों की तरह जगमगाने वाले कई बड़े नाम चुनाव के बाद धूल में पड़े दिखाई दिए. जियो न्यूज की खबर के अनुसार पीपीपी के उम्मीदवार अशरफ को सबसे बड़ी हार मिली. अशरफ को रावलपिंडी-2 (नेशनल एसेंबली-51) सीट से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा पीपीपी के कई शीर्ष नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. हारे उम्मीदवारों में पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा एवं फिरदौस आशिक अवान, पंजाब पीपीपी के अध्यक्ष मंजूर अहमद वट्टू, लोक लेखा समिति के पूर्व अध्यक्ष नदीम अफजल गोंदल और बैरिस्टर चौधरी ऐतजाज अहसन की पत्नी बुशरा ऐतजाज शामिल हैं. इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के दोनों बेटे अली मूसा गिलानी और अब्दुल कादिर गिलानी भी मुल्तान के अपने निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव हार गए.
पीएमएल-एन के सत्ता में आने की पूरी संभावना है. तालिबान की धमकियों और हिंसा से प्रभावित आम चुनाव में लाखों लोगों ने मत डाले. देश के 66 साल के इतिहास में एक असैन्य सरकार के कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी असैन्य सरकार के चयन के लिए हुए पहले चुनाव में हिंसा में 24 लोग मारे गए.
जनता से किए गए सारे वादे होंगे पूरे: नवाज शरीफ
चुनाव परिणामों में पार्टी को मिली स्पष्ट बढ़त से उत्साहित नवाज शरीफ ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि चुनाव अभियान के दौरान मैंने और मेरी पार्टी के नेताओं ने जो भी वादे किए थे, वे पूरे किए जाएंगे.
नवाज ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मौजूदा संकट से निकालकर इसे एक शांतिपूर्ण व समृद्ध देश बनाएंगे. उन्होंने कहा कि हम नेशनल असेम्बली में पूर्ण बहुमत हासिल करना चाहते हैं, ताकि हमें सरकार गठन के लिए विभिन्न दलों के समर्थन का मोहताज न होना पड़े, क्योंकि गठबंधन सरकारें ठीक से काम नहीं करतीं.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएंगे और गरीबी, महंगाई, बिजली की कटौती, बेरोजगारी तथा अन्य समस्याओं से निपटने के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करेंगे.
पीएमएल-एन प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पूरे उत्साह से काम करेगी और एक नए पाकिस्तान का निर्माण करेगी, जो मजबूत व समृद्ध होगा. उनके छोटे भाई शाहबाज शरीफ ने केवल इतना कहा, 'नवाज आपके प्रधानमंत्री होंगे और मैं आपका सेवक.'
विश्लेषकों के अनुसार पीएमएल के अच्छे प्रदर्शन से शरीफ को निर्दलीय उम्मीदवारों और जमीयत उलेमा ए इस्लाम जैसी छोटी दक्षिणपंथी पार्टियों के समर्थन से केंद्र में सरकार के गठन में मदद मिलेगी. सूत्रों ने बताया कि पीएमएल-एन को सरकार के गठन के बाद पीपीपी के साथ काम करने से गुरेज नहीं होगा क्योंकि पार्टी नेता, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के साथ गठबंधन करने को उत्सुक नहीं हैं.
साधारण बहुमत के लिए किसी पार्टी या गठबंधन के पास नेशनल एसेंबली में 137 सीटें होनी चाहिए. नेशनल एसेंबली की 342 सीटों में से 272 के लिए चुनाव हुए थे और बाकी 70 सीटें महिलाओं और गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं जिन्हें चुनाव में दलों के प्रदर्शन के आधार पर उनमें वितरित किया जाएगा.