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नवाज शरीफ तीसरी बार बने पाकिस्तान के पीएम

पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल किए जाने के करीब 14 साल बाद बुधवार को पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. तीसरी बार प्रधानमंत्री बने शरीफ ने देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का संकल्प लेते हुए अमेरिकी ड्रोन हमलों पर विराम लगाने का आह्वान किया है.

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पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल किए जाने के करीब 14 साल बाद बुधवार को पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. तीसरी बार प्रधानमंत्री बने शरीफ ने देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का संकल्प लेते हुए अमेरिकी ड्रोन हमलों पर विराम लगाने का आह्वान किया है.

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राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बुधवार को राष्ट्रपति निवास में एक समारोह में 63 साल के शरीफ को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई. इससे पहले उन्हें नेशनल एसेंबली में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री चुना गया.

शरीफ ने पाकिस्तान के 27वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. प्रधानमंत्री के तौर पर यह उनकी तीसरी पारी है. इससे पहले 1990-1993 और 1997-1999 तक प्रधानमंत्री रहे. दूसरे कार्यकाल के दौरान परवेज मुशर्रफ की अगुवाई वाले सैन्य तख्तापलट में उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था.

निर्वाचन के बाद नेशनल एसेंबली में दिए संबोधन में शरीफ ने कहा, ‘आर्थिक स्थिति खराब है और मैं जन्नत की खूबसूरत तस्वीरें नहीं पेश करूंगा.’ शरीफ ने कहा कि वह और उनके साथियों ने पाकिस्तान की समस्याओं को दूर करने के लिए एक कार्य योजना बनाई है और वह जल्द ही उन कदमों के बारे में लोगों को बताएंगे, जो सरकार उठाना चाहती है.

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शपथ ग्रहण समारोह में पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेताओं के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राजा परवेज अशरफ, पूर्व मंत्री, सांसद, नौकरशाह एवं राजनयिक मौजूद थे. राष्ट्रपति ने गर्मजोशी के साथ शरीफ से हाथ मिलाया. शरीफ ने काले रंग की शेरवानी पहन रखी थी. इस मौके पर प्रधानमंत्री की बेटी मरियम नवाज के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी. शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज और बेटी मरियम पहली कतार में बैठी हुई थीं और कुछ दूरी पर ही जरदारी की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी मौजूद थीं. जनरल अशफाक परवेज कयानी एवं ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ कमिटी के प्रमुख जनरल खालिद वाइने सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुख भी पहली कतार में मौजूद थे. अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मीर हजार खान खोसो और उनके साथी तथा भारतीय उच्चायुक्त शरत सबरवाल भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमएल-एन युवाओं के बीच निराशा, भ्रष्टाचार, चरमपंथ और अराजकता तथा दुनिया में पाकिस्तान की खराब छवि सहित सभी समस्याओं से निपटने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करेगी और सुशासन पर ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दूसरे देशों की चिंताओं को भी दूर करेगा, लेकिन उन्हें भी पाकिस्तान की संप्रभुता और चिंताओं का सम्मान करना होगा.

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शरीफ ने सांसदों से कहा, ‘हम दूसरों की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और उन्हें भी हमारी संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए. यह अभियान अब खत्म होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों, राजनीतिक पार्टियों और सभी दूसरे पक्षों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ आना होगा.

शरीफ का जन्म 35 दिसंबर, 1949 में लाहौर के कारोबारी परिवार में हुआ था. उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों से शुरुआती तालीम हासिल की. पिता के इस्पात के कारोबार में लगने से पहले उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. बाद में वह सियात के मैदान में उतर गए. साल 1981 में वह पंजाब के वित्त मंत्री बने और उसके बाद 1985 में इसी प्रांत के मुख्यमंत्री भी बने. साल 1990 में वह पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और 1993 में इस पद पर आसीन रहे. दूसरी बार वह 17 फरवरी, 1997 को प्रधानमंत्री बने और 12 अक्तूबर, 1999 को सैन्य तख्तापलट में वह सत्ता से बेदखल कर दिए गए. मई, 1998 में उनकी ही सरकार ने भारत के जवाब में परमाणु परीक्षण किया था.

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