अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का और नियंत्रण रेखा पर हिंसा के मुद्दे का जिक्र हुआ. दोनों नेताओं ने सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भारत-पाक के बीच लगातार वार्ता की वकालत की.
भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध सुधारने पर जोर
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा जारी दोनों नेताओं के संयुक्त बयान में भारत-पाक वार्ता का जिक्र था. साथ ही कश्मीर समेत दोनों देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों के समाधान की जरूरत का जिक्र था. बयान के मुताबिक, ओबामा और शरीफ ने इस बात को माना कि पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए संभावनाएं बढ़ेंगी. दोनों नेताओं ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर हिंसा की घटनाओं पर भी चिंता जताई.
बयान के मुताबिक, ‘नेताओं ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सतत और लचीली वार्ता प्रक्रिया के महत्व पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य कश्मीर समेत सभी लंबित क्षेत्रीय और अन्य मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान करना और आतंकवाद के लिहाज से भारत और पाकिस्तान की आपसी चिंताओं पर ध्यान देने के लिए मिलकर काम करना है.’
आतंकवाद पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया
शरीफ ने ओबामा को लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठनों समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित लोगों और संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के पाकिस्तान के संकल्प से भी अवगत कराया. बयान जारी करने से ठीक पहले शरीफ और ओबामा ने व्हाइट हाउस के ओवल दफ्तर में द्विपक्षीय वार्ता की.
मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद का जमात-उद-दावा (JUD)और अफगानिस्तान में सक्रिय हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान में प्रतिबंधित नहीं हैं. भारत अपने और अमेरिका के खिलाफ अकसर जहर उगलने वाले सईद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिहाज से पाकिस्तान पर दबाव बनाता रहता है. हालांकि पाकिस्तान ने जेयूडी पर पाबंदी की संभावना को खारिज करते हुए कहा है कि उसके आतंकवाद से तार जुड़े होने और लश्कर से संबंधों के कोई सबूत नहीं हैं.
शरीफ ने 9/11 के हमलों के बाद से अमेरिका-पाकिस्तान सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने वाले आतंकवाद निरोधक प्रयासों का भी हवाला दिया. शरीफ और ओबामा ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण एशिया की स्थिरता क्षेत्र में सक्रिय सभी आतंकवादी और उग्रवादी संगठनों का दमन करने के लिए सभी पड़ोसी देशों के बीच सहयोग पर निर्भर करती है.
सभी पक्षों के संयम बरतने पर जोर
ओबामा और शरीफ ने कहा कि वे दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता में साझा हितों को मानते हैं. दोनों नेताओं का मानना था कि सभी पक्षों को अधिकतम संयम के साथ लगातार काम करना चाहिए और दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता मजबूत करने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए.
वार्ता में शरीफ ने दोहराया कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा और क्षेत्र के सभी देशों की यही प्रतिबद्धता होनी चाहिए. परोक्ष रूप से उसका इशारा भारत की ओर था जिसे वह अफगानिस्तान के रास्ते भारत की ओर से पाकिस्तान विरोधी गतिविधियां होने का दावा करता है. हालांकि बयान में पाकिस्तान को आठ नए एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री की अमेरिका की किसी योजना का जिक्र नहीं था.
अपने साथ शरीफ की दूसरी द्विपक्षीय मुलाकात के लिए उनका स्वागत करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों पक्ष अमेरिका और पाकिस्तान के बीच इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए इस अवसर का इस्तेमाल करने की दिशा में आशान्वित हैं.
ओबामा के साथ बैठे शरीफ ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘मैं इस रिश्ते को गहराई और मजबूती देने के लिए आपके साथ बहुत सकारात्मक साझेदारी की आशा प्रकट करता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान-अमेरिका के संबंध 70 साल पुराने हैं और मेरा प्रयास इस रिश्ते को और अधिक मजबूत करना है.’ इस मुलाकात से एक सप्ताह पहले ओबामा ने कहा था कि वह अगले साल पद छोड़ने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को नहीं हटाएंगे.
इनपुट: भाषा