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कश्मीर के हालात पर बनी हुई है नजर, बातचीत से सुलझाया जा सकता है मामला: नेपाल

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कश्मीर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम जम्मू और कश्मीर के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. हम आशावादी और आशान्वित हैं कि वहां पर शांति और स्थिरता रहेगी.

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नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली

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धारा 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू और कश्मीर चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है. इस बीच नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कश्मीर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम जम्मू और कश्मीर के हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

हम आशावादी और आशान्वित हैं कि वहां पर शांति और स्थिरता रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र के सदस्य राष्ट्रों के बीच किसी भी विवाद को शांतिपूर्ण वार्ता, संवाद के माध्यम से सुलझाया जा सकता है और हमें विश्वास है कि यह क्षेत्र पूरी तरह से शांतिपूर्ण और स्थिर होगा, कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा.

कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को पूरे विश्व से मुंह की खानी पड़ रही है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की है और कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे भारत-विरोधी उग्र बयानों से अवगत कराया. मोदी ने हिंसा भड़काने वाले बयान का जिक्र किया और कहा कि यह शांति के लिए अनुकूल नहीं है. जाहिर है कि यह पाकिस्तानी नेतृत्व के संदर्भ में है जो कश्मीर मसले को लेकर भारत के विरोध में जहर उगल रहे हैं.

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पीएम मोदी ने कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर वहां विकास करने के भारत के प्रयासों का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थन किए जाने के कुछ ही दिनों बाद ट्रंप से 30 मिनट तक फोन पर बातचीत की. सोमवार को हुई इस बातचीत में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलों पर बात हुई.

खुफिया एजेंसियों की नजरें घाटी के राजनीतिक दलों पर

घाटी में फैले तनाव के बीच अफवाहें फैलाकर तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में बड़ी सफलता के तहत जम्मू एवं कश्मीर तथा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलगाववादी विचारधाराओं के साथ मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के सहयोगियों और कार्यकर्ताओं की पहचान करने का दावा किया है.

खुफिया एजेंसियां अपने उस बयान पर अभी भी कायम हैं कि मुख्यधारा की कुछ राजनीतिक पार्टियों और अलगाववादियों ने राज्य में शांति स्थापित करने के खिलाफ काम किया.

खुफिया एजेंसियों की माने तो कश्मीर घाटी तथा जम्मू क्षेत्र में अफवाहें फैलाने वालों में मुख्यधारा की तीन राजनीतिक पार्टियों के लोग हैं. इन पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व को संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद से एहतियातन हिरासत में लिया गया है.

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