मंगलवार की सुबह-सुबह नेपाल फिर से कांपा. 'महा तबाही' के 4 दिन के बाद भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. मंगलवार तड़के एक घंटे के अंदर भूकंप के दो-दो झटके महसूस किए गए. पहला झटका सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर महसूस किया गया, जबकि दूसरा 5 बजकर 5 मिनट पर आया. इस बीच नेपाल से तीन भारतीयों के शव एयर इंडिया के विमान से दिल्ली लाए गए हैं.
गुजरे वक्त के साथ नेपाल में उम्मीदें भी दम तोड़ रही है. अब मलबा डरा रहा है. अब तक नेपाल में मरने वालों की संख्या 4310 तक पहुंच चुकी है, जबकि घायलों की संख्या 8 हजार से भी ज्यादा हो गई है. एजेंसी की खबर के मुताबिक, नेपाली प्रधानमंत्री ने 'रॉयटर्स' को बताया कि मौत का आंकड़ा 10 हजार के पार जा सकता है. काठमांडू के ज्यादातर हिस्सों में अब बिजली बहाल हो गई है.
करीब 80 लाख हुए प्रभावित
यूनेस्को के मुताबिक, पूरे नेपाल में भूकंप से करीब 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बताया जा रहा है कि राहत का काफी सामान नेपाल पहुंच गया है पर वहां उसे रिसीव करने वाले ही नहीं हैं, जिसकी वजह से राहत का काम रुक गया है.
काठमांडू में ही एक हजार से ज्यादा लोगों की सांसें थम गईं, जबकि 15 जगहों पर मलबे के नीचे से लोगों को निकालने का काम जारी है . मलबे से भी और लाशें निकलने की संभावना है. मरने वालों की गिनती कहां तक जाएगी, किसी को अंदाजा नहीं.
ताजिकिस्तान में भी भूकंप
ताजिकिस्तान के सीमावर्ती इलाके में भी मंगलवार को भूकंप के झटके आए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.5 थी. भूकंप का केंद्र जमीन के 144 मीटर नीचे था. भूकंप के बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा प्रांत तक झटके महसूस किए गए.
भूकंप के बाद दवाओं की कमी
नेपाल में आए भूकंप के तीन दिन बाद वहां के लोगों को दवाओं और भोजन कि भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. भूंकप के बाद घायल हुए और बेघर हुए लोगों के लिए नेपाल में दवाइयों और भोजन कम पड़ रहे हैं. नेपाल के लोगों को इन बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है और सरकार उन्हें सामान वितरित करना चाहती है. नेपाल ने भारत, चीन और अन्य देशों से अविलंब सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है.
66 लाख लोग प्रभावित
भूकंप से कुल 66 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं. भारत में ही अब तक कुल 72 लोगों की जान जा चुकी है. सिर्फ बिहार में ही 57 लोगों की मौत हुई है. इस बीच नेपाल में राहत कार्यों के दौरान करीब तीन दिन बाद एक 54 साल की महिला को जिंदा बचा लिया गया है. अपने मित्र देश में राहत और बचाव के काम के लिए भारत ने पूरी ताकत झोंक दी है.
खुले में रात गुजारने को मजबूर
नेपाल में कई हजार लोग ठंडे मौसम में पिछले दो दिनों से खुले में रात बिता रहे हैं और बुनियादी चीजों की मांग कर रहे हैं. नेपाल के मुख्य सचिव ने कहा, 'हम कठिन परिस्थितियों में रह रहे भूकंप पीड़ितों को पीने का पर्याप्त पानी, सूखा भोजन, चटाइयां और दवाएं वितरित कराने में समर्थ नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार तेजी से बचाव कार्य करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.'
काठमांडू एयरपोर्ट पर हजारों भारतीयों की भीड़
नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हजारों भारतीय इकट्ठे हो गए हैं. वे सभी दो दिन पहले आए भीषण भूकंप के बाद अपने घर जाने के लिए बेताब हैं और वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं. नेपाल के लिए राहत सामग्री ले जा रहे विमान ने अभी तक 2,000 भीरतीयों को बाहर निकाल लिया है. निजी भारतीय विमानन कंपनियों ने भी नेपाल से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है. काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीयों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहा है. इसके अलावा दूतावास ने उन भारतीयों की आर्थिक सहायता करने का भी वादा किया है जिनके पास धन नहीं बचा है.