नेपाल और भारत के कई हिस्सों को बुरी तरह से हिला देने वाले 7.9 मैग्नीट्यूड तीव्रता के भूकंप को भीषण भूकंप की श्रेणी में रखा जा सकता है और अगले 10-15 दिनों तक इसके प्रभाव से बाद में आने वाले झटके जारी रह सकते हैं.
यह बात शनिवार को राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के भूगर्भ विशेषज्ञ आर के चड्ढा ने कही. सीएसआईआर-एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक चड्ढा ने कहा, ‘इसकी तीव्रता को देखते हुए इसे भीषण भूकंप कहा जा सकता है. इस तरह की तीव्रता में अगले 10-15 दिन तक बाद के झटके जारी रह सकते हैं (इसी क्षेत्र में) हालांकि वे हल्के होंगे और उनकी तीव्रता घटती चली जाएगी.’
उन्होंने कहा कि एनजीआरआई की देश भर की पर्यवेक्षणशालाओं ने भूकंप दर्ज किया जो पूर्वाह्न 11:41 मिनट पर आया जिसका केंद्र काठमांडू से 80 किमी उत्तर पश्चिम में जमीन से 15 किमी नीचे था. वैज्ञानिक ने कहा कि क्षेत्र में शाम 4:30 बजे तक रिक्टर पैमाने पर 5 से 6.6 तीव्रता वाले 15 झटके महसूस किए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि शनिवार का भूकंप नेपाल और आसपास के क्षेत्र में 1934 के बाद आया सबसे बड़ा भूकंप था. 1934 में नेपाल-बिहार सीमा पर 8.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था.
इनपुट भाषा से