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फिर आए भूकंप ने नेपाल में ली 80 लोगों की जान, 1100 से ज्यादा घायल

पिछले महीने आए महाभूकंप में बुरी तरह बर्बाद नेपाल मंगलवार को एकबार फिर कांप उठा. 7.3 तीव्रता से आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या 80 पहुंच गई है जबकि 1100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है. ढोलका से 50 लाशें निकाली गईं.

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पिछले महीने आए महाभूकंप में बुरी तरह बर्बाद नेपाल मंगलवार को एकबार फिर कांप उठा. 7.3 तीव्रता से आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या 80 पहुंच गई है जबकि 1100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है. ढोलका से 50 लाशें निकाली गईं. बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 23 मिनट फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई. 

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देर रात फिर आया भूकंप
नेपाल में मंगलवार-बुधवार की रात दो भूकंप के झटके महसूस किए गए. पहला झटका रात करीब 2.07 बजे महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र काठमांडू था. नेपाल में भूकंप से मरने वालों की संख्या 65 हो गई है जबकि करीब हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.

नेपाल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के अनुसार रात करीब 3.15 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि किसी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है.

इस ताजा भूकंप से पहले से खौफजदा लोग एक बार फिर कांप उठे, जो 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद से खुले में रह रहे थे. उस भूकंप में गांव के गांव जमींदोज हो गए, कई बड़ी इमारतें धराशाई हो गईं और 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. अमेरिका के जिओलॉजिकल सर्वे के मुताबिक 12 बजकर 35 मिनट पर भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू के 83 किलोमीटर पूर्व में माउंट एवरेस्ट के निकट 15 किलोमीटर की गहराई में था. एजेंसी ने पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 मापी थी, लेकिन बाद में इसकी तीव्रता 7.3 बताई गई.

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पिछले महीने धरती के करवट बदलने से सबसे ज्यादा प्रभावित दोलाखा और सिंधुपाल चौक जिलों पर इस बार भी भूकंप का सबसे ज्यादा असर पड़ा. भारतीय वायु सेना ने मंगलवार के भूकंप के बाद 8 हेलीकाप्टरों को नेपाल में तैनात किया और उनमें से एक ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया. नेपाल में मंगलवार के भूकंप के बाद इस देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया और काठमांडू आने वाले विमानों को दूसरी जगह भेजा गया.

अधिकारियों ने सभी स्कूलों को अगले दो दिन बंद रखने का आदेश दियाय राजधानी काठमांडू में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया, जहां लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए. अधिकारियों ने लोगों से खुले स्थानों पर चले जाने को कहा. धरती के डोलने से नेपाल में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और इमारतें गिर पड़ीं. पिछले महीने नेपाल में जो भूकंप आया वह नेपाल के 80 बरस के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण भूकंप है, जिसके बाद 150 से ज्यादा झटके आए. मंगलवार के इस भूकंप का प्रभाव भारत के उत्तर, पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में भी महसूस किया गया. भारत में भी कई लोगों की मौत हुई है. भूकंप के झटके चीन में भी महसूस किए गए, जहां तिब्बत में एक महिला की मौत हुई.

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जापान में भूकंप
पूर्वोत्तर जापान के तटीय क्षेत्र में बुधवार सुबह 6.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने इस बारे में जानकारी दी है. हालांकि अधिकारियों ने सुनामी आने की चेतावनी जारी नहीं की है और किसी नुकसान की अभी कोई खबर नहीं है. यूएसजीएस के अनुसार भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजकर 12 मिनट पर प्रशांत महासागर में जापान के होंशु द्वीप के पूर्वी तट के पास आया. इसकी गहराई 38.9 किलोमीटर थी. जापान के मौसम विभाग ने कहा कि फिलहाल भूकंप से सुनामी आने का कोई खतरा नहीं है. भूकंप ने ऑफुनातो शहर के दक्षिण पूर्व में 33 किलोमीटर क्षेत्र को प्रभावित किया.

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