scorecardresearch
 

नेपालः मौत का आंकड़ा 7000 के पार, मृतकों में 19 भारतीय भी शामिल

नेपाल के कई हिस्सों में शनिवार को भूकंप के झटके फिर से आए जिससे भूस्खलन हुए जबकि पिछले शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 7176 तक पहुंच गई है. इन मृतकों में 19 भारतीय भी शामिल हैं.

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

नेपाल के कई हिस्सों में शनिवार को भूकंप के झटके फिर से आए जिससे भूस्खलन हुए जबकि पिछले शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 7176 तक पहुंच गई है. इन मृतकों में 19 भारतीय भी शामिल हैं. इस बीच कई भूकंप प्रभावित इलाकों तक राहत न पहुंच पाने पर लोगों का गुस्सा तेज हो गया.

Advertisement

फिर से महसूस हुए भूकंप के झटके
शनिवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप आया जिसका केंद्र गोरखा जिले का बरपाक गांव था. यह गांव पिछले शनिवार के विनाशकारी भूकंप के केंद्र के पास ही है. शनिवार को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था और भयंकर तबाही हुई थी. एक हफ्ते बाद के भूकंप से एक महिला घायल हो गई. उस भूकंप के बाद 4.5 की तीव्रता के झटके आए. इससे लोगों में दहशत फैल गई. भूकंप के बाद के दूसरे झटकों से जगह जगह भूस्खलन हुआ जिससे भूकंप प्रभावित लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं. कई लोग खुले में रहने को बाध्य हैं.

सिंधुपालचौक और कावरे जिले के बीच डोलाघाट में बड़ा भूस्खलन हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अबतक किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है.’ नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि देश में 80 साल से भी अधिक समय बाद आए सबसे भयंकर भूकंप के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 7,040 से अधिक हो गई है जबकि 14,100 अन्य लोग घायल हुए हैं. सरकार इस महाविपदा से निबटने में जुटी है.

Advertisement

बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या
हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि कई इलाकों में मलबे में दबे शव अब तक निकाले जा रहे हैं. यहां स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया, ‘नेपाल में आए भूकंप में 19 भारतीय भी मारे गए हैं.’ बहरहाल नेपाल पुलिस ने कहा कि त्रासदी में मारे गए 54 विदेशियों में 38 भारतीय भी हैं. वरिष्ठ एसएसपी धीरू बासन्यात ने कहा, ‘दो महिलाओं सहित 19 भारतीय लापता हैं.’

तातोपानी खंड से मिले 16 शव
नेपाली मीडिया ने खबर दी है कि अरानिको राजमार्ग पर तातोपानी खंड में 16 शव बरामद किए गए हैं. समझा जाता है कि कुछ विदेशी भी मलबे में दफन हो गए. यहां गृहमंत्रालय महसूस करता है कि 25 अप्रैल के भूकंप में (मलबे में) और लोगों के जिंदा होने की संभावना नहीं है. नाराज लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि राहत सामग्री कालाबाजार में पहुंच रही है और आवश्यक वस्तुओं की कीमत बहुत बढ़ गई है.

राहत बचाव कार्य को लेकर लोगों में गुस्सा
काठमांडू घाटी के कई क्षेत्र जरूरी खाद्य सामग्री से अब भी वंचित हैं. इससे लोग प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए. प्रदर्शनकारी निर्मल बिशी ने कहा, ‘खानेपीने की जो चीज 20 रुपये की है, वह अब 50 रुपये में उपलब्ध है. खाद्य और राहत सामग्री के वितरण में कोई पारदर्शिता नहीं है.’ फुलमाया लागून ने कहा, ‘उन्होंने हमें बस एक बोतल पानी दिया.’ लागून के परिवार में दस लोग हैं. कई हिस्सों में अबतक तिरपाल नहीं पहुंचा है. भूकंप के बाद बेरोजगार हो गए दिहाड़ी मजदूर दावा शेरपा ने दावा किया, ‘केवल प्रशावशाली लोगों को ही राहत सामग्री मिलती है, बाकी का क्या?’

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement