नेपाल में प्रसिद्ध पशुपतिनाथ घाट राजधानी काठमांडू का सबसे व्यस्त स्थल बन गया है क्योंकि वहां पर विनाशकारी भूकंप में मारे गए लोगों का बड़े पैमाने पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इस भूकंप में अब मरने वालों की संख्या पांच हजार पार कर गई है.
अधिकारियों ने बताया कि पांचवीं सदी के पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित यह घाट पर आमतौर पर प्रतिदिन 20 से 30 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. यहां पर लाए जाने वाले शवों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सरकारी उपक्रम ‘द टिंबर कॉपरेरेशन ऑफ नेपाल’ पहले लकड़ी 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचता था लेकिन अब यह लकड़ी मुफ्त में दे रहा है.
अंतिम संस्कार के लिए सामग्री बेचने वाली एक दुकान के प्रबंधक श्रीकृष्ण डांगोल ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों के दौरान यहां पर एक हजार से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.’ यहां पर एक समय में 10 शव जलाने की क्षमता है लेकिन पिछले तीन दिनों से यहां शव लाए जाने की प्रक्रिया इतनी अधिक है कि यह क्षमता भी पार हो गई है. जगह की कमी के चलते शवों को नदी के किनारे और जहां भी जगह मिले जलाया जा रहा है.
यह घाट वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मणिकर्णिका घाट की तरह दिखता है जहां 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. घाट के पास बागमती पुल के पास से गुजरने पर पूरे वातावरण में शव जलने के गंध महसूस की जा सकती है.
इनपुट भाषा से