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नेपाल के विदेश मंत्री बोले- नक्शे पर हमारा फैसला स्थाई, भारत से चाहते हैं बातचीत

नक्शे विवाद के बाद पहली बार भारतीय टीवी चैनल से बात करते हुए नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा किपीएम मोदी और केपी शर्मा ओली के बीच अच्छी दोस्ती है और उम्मीद है कि मामले को सुलझा लेंगे.

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नेपाली पीएम ओली के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो-PTI)
नेपाली पीएम ओली के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो-PTI)

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  • कूटनीति और संविधान दो अलग चीजें हैं: प्रदीप कुमार ग्यावली
  • नई दिल्ली और काठमांडू दोनों संपर्क में हैं: नेपाल के विदेश मंत्री

भारत-नेपाल सीमा विवाद पर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि उनका देश भारत के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करना चाहता है. ग्यावली ने कहा कि नक्शे पर हमारा फैसला स्थाई है. नक्शे विवाद के बाद पहली बार भारतीय टीवी चैनल से बात करते हुए प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि पीएम मोदी और केपी शर्मा ओली के बीच अच्छी दोस्ती है और उम्मीद है कि वो मामले को सुलझा लेंगे.

इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि अनौपचारिक संचार के रास्ते खुले हैं. नई दिल्ली और काठमांडू दोनों संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि नेपाल बातचीत चाहता है.

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प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि कूटनीति और संविधान दो अलग-अलग चीजें हैं. संविधान पर हम पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि ये नेपाल के क्षेत्र में हैं. हम भारत से अच्छे संबंध भी चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर महामारी के इस दौर में भारत अगर चीन से बातचीत कर सकता है तो क्यों नहीं हम बैठकर बात कर सकते हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर उन्होंने कहा कि उनके बयान की निंदा की जानी चाहिए. पीएम ओली उसपर बोल चुके हैं. विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा कि नेपाल एक संप्रभु राष्ट्र है और वह चीन से निर्देश नहीं लेता है.

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बता दें कि केपी शर्मा ओली ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री ने नेपाल को लेकर कुछ कहा है. अगर ऐसी बातें कही गई हैं तो वह जायज नहीं है. दरअसल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल सरकार को सीमा विवाद पर नसीहत दी थी और कहा था कि नेपाल को राजनीतिक सीमाएं तय करने से पहले उसके होने वाले प्रभावों को ध्यान में रखना चाहिए.

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इसे संदर्भ में लेते हुए ओली ने कहा कि अगर उन्होंने (मुख्यमंत्री योगी) नेपाल को धमकी दी है, तो यह उचित नहीं है. वे केंद्र सरकार की निर्णायक भूमिका में नहीं हैं. एक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री के हिसाब से भी उनको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थीं.

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