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नेपाल: मधेशी आंदोलनकारी और पुलिस के बीच झड़प, चार की मौत

नेपाल के सपतारी जिले में शनिवार देर रात को मधेशी आंदोलनकारी और पुलिस के बीच एक बार फिर झड़प हुई है. हिंसक झड़प और इस ओर पुलिस फायरिंग में भारतीय मूल के चार लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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नेपाल के सपतारी में शनिवार देर रात हुई झड़प
नेपाल के सपतारी में शनिवार देर रात हुई झड़प

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नेपाल के सपतारी जिले में शनिवार देर रात को मधेशी आंदोलनकारी और पुलिस के बीच एक बार फिर झड़प हुई है. हिंसक झड़प और इस ओर पुलिस फायरिंग में भारतीय मूल के चार लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

नए संविधान को लेकर अशांत दक्षिणी नेपाल के मैदानी इलाके में एक प्रमुख राजमार्ग पर नाकेबंदी में भाग ले रहे मधेसी प्रदर्शनकारी पुलिस गोलीबारी में मारे गए हैं. जबकि देश में अवाश्यक वस्तुओं की घोर कमी का सामना करना है. पूर्वी-पश्चिम राजमार्ग पर शनिवार देर रात नाकेबंदी कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस गोलीबारी में मौत होने के बाद राजधानी से करीब 280 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में सपतारी जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया.

आंदोलनकारी ज्वॉइंट डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट ने दावा किया कि सपतारी में पुलिस गोलीबारी में उसके चार कार्यकर्ता मारे गए और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. हालांकि पुलिस ने दो लोगों के ही मारे जाने की पुष्टि की है.

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'2500 लोगों ने पुलिस पर किया हमला'
पुलिस ने बताया कि पुलिस ने जब नाकेबंदी कर रहे यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट के कार्यकर्ताओं को हटाने की कोशिश की, तब करीब 2,500 लोगों की भीड़ ने उन पर पेट्रोल बम और ईंटों से हमला कर दिया. जवाबी कार्रवाई में पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी. आंदोलनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प के दौरान बीरेंद्र राम और नागेश्वर यादव नाम के मारे जाने की खबर है, जबकि एक अन्य मृतक की पहचान नहीं हुई है. सुरक्षकर्मी यात्रियों से भरे वाहनों के लिए राह बना रहे थे.

17 प्रदर्शनकारी और 25 पुलिसकर्मी घायल
ताजा झड़पों में कम से कम 17 प्रदर्शनकारी और 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पांच प्रदर्शनकारियों और दो पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है. सपतारी जिला पुलिस कार्यालय प्रमुख भीम ढकाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया जिसके चलते झड़पें हुई.

'काठमांडू पोस्ट' ने ढकाल के हवाले से बताया, 'प्रदर्शनकरियों ने देशी हथियारों से सुरक्षा कर्मियों पर हमला शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए हमें बल प्रयोग करना पड़ा.' इस हिंसक आंदोलन में अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हिमालयी देश के लिए सामान और ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से भारत नेपाल संबंध भी प्रभावित हुए. नेपाल ने भारत पर प्रदर्शनकारियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया, जिसे नई दिल्ली ने खारिज कर दिया है.

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