नेपाल में जब विध्वंसकारी भूकंप आया तब वहां के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला थाईलैंड में थे और उन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट्स से इस घटना का पता चला.
इंडोनेशिया में एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद कोइराला बैंकॉक गए थे. बैंकॉक मे इलाज करवाकर उन्हें काठमांडू लौटना था.
नेपाल के विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे भी इस वक्त उनके साथ थे. उन्होंने बताया कि कोइराला जैसे ही बैंकॉक एयरपोर्ट पर पहुंचे, उन्होंने भूकंप पर किए गए मोदी के ट्वीट देखे. भूकंप की सूचना मिलते ही कोइराला ने वहां के हालात का जायजा लेना शुरू कर दिया. इसके साथ ही वह अपना इलाज कराने का कार्यक्रम रोककर तुरंत काठमांडू के लिए रवाना हो गए.
News has come in about an Earthquake in Nepal. Several parts of India also experienced tremors.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2015
We are in the process of finding more information and are working to reach out to those affected, both at home & in Nepal.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2015
नेपाली विदेश मंत्री ने बताया, 'मोदी के ट्वीट के बाद हमने जानकारी लेना शुरू किया. हमने नेपाल बात की और लगातार अपडेट देते रहने को कहा. मुझे भी भूकंप की सूचना मोदी के ट्वीट से ही मिली थी.' पांडे ने भूकंप से उबरने में मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया है.
पांडे ने कहा कि मोदी जो हमारे लिए कर रहे हैं हम उसका शुक्रिया अदा करते हैं. जो प्यार और अपनापन वह हमारे लिए दिखा रहे हैं, वह वाकई शानदार है.
उन्होंने कहा, 'जो मोदी जी हमारे लिए कर रहे हैं उसे हम कभी नहीं भूल सकते. हमारे पास उनका धन्यवाद करने के शब्द नहीं हैं.'
मोदी ने कोइराला को थाइलैंड में फोन कर भूकंप में हुए जानोमाल के नुकसान पर दुख भी व्यक्त किया था. इसके साथ ही उन्होंने संकट की इस घड़ी में नेपाल का पूरा साथ देने का आश्वासन भी दिया था.
नेपाल में राहत सामग्री और मदद पहुंचाने वाला भारत पहला देश था. भारतीय सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीमें नेपाल में लोगों की जान बचाने और राहत के कामों में लगे हैं.