नेपाल (Nepal Political Crisis) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद आज राष्ट्रपति विद्या भण्डारी के तरफ से नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) को प्रधानमंत्री (New Prime Minister) पद पर नियुक्ति किए जाने की तैयारी है.
सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम बजे तक शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने का निर्देश दिया है. शेर बहादुर देउबा पक्ष का दावा है कि आज शाम ही देउबा छोटे मंत्रिमंडल के साथ शपथग्रहण करने वाले हैं, लेकिन राष्ट्रपति भवन से अभी तक कोई औपचारिक सूचना नहीं आई है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केपी ओली की विदाई तो तय कर दी है, लेकिन शेर बहादुर देउबा को जिन सांसदों के बहुमत के आधार प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था, अब वह आधार ही नहीं रहा.
दरअसल, विपक्षी गठबन्धन के तरफ से शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने के लिए ओली की पार्टी के 23 सांसदों ने भी समर्थन किया था, लेकिन अदालत के फैसले के साथ ही उन 23 सांसदों का नेतृत्व कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने विपक्षी गठबन्धन छोड़ने की घोषणा कर दी है.
अदालत के फैसले के बाद हुए विपक्षी गठबन्धन की बैठक में जहां एक ओर नए सरकार के स्वरूप और मंत्रालय का बंटवारे की बात चल रही थी, उसी समय बैठक में मौजूद माधव नेपाल ने विपक्षी गठबन्धन छोड़ने, देउवा को समर्थन नहीं कर पाने और नई सरकार में शामिल नहीं होने की घोषणा कर सबको चौंका दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने देउबा के पक्ष में 149 सांसदों का समर्थन होने के आधार पर प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था, लेकिन 23 सांसदों का नेतृत्व कर रहे माधव नेपाल के द्वारा गठबन्धन छोड़ने के कारण अब देउबा के पास सिर्फ 116 सांसदों का समर्थन रह गया है, जबकि बहुमत साबित करने के लिए 136 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है.