पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक घमासान लगातार जारी है. संसद भंग के निर्णय के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और कमल दहल प्रचंड के गुटों में तकरार बढ़ गई है. सरकार से इतर अब पार्टी पर कब्जे की कोशिशें की जा रही हैं.
ओली और प्रचंड गुट ने अब नेपाल के चुनाव आयोग का रुख किया है. दोनों गुटों ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह (सूर्य) पर दावा ठोक दिया है. ऐसे में सत्ता की जंग से शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई अब पार्टी के कब्जे पर आ टिकी है.
साथ ही प्रचंड गुट ने अब केपी ओली गुट को घेरने की कवायद छेड़ दी है. प्रचंड गुट और विपक्षी दल जनता समाजवादी पार्टी साथ मिलकर बहुमत का दावा पेश कर सकते हैं, इसको लेकर स्पीकर को चिट्ठी सौंपी जा सकती है.
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. केपी ओली द्वारा संसद भंग के फैसले को चुनौती देते हुए एक दर्जन से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं.
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नेपाल के चीफ जस्टिस सी. राना बुधवार को इस बात पर भी फैसला लेंगे कि इन याचिकाओं की सुनवाई कौन करेगा. क्या वही सभी मामले सुनेंगे या किसी विशेष बेंच का गठन किया जाना है.
आपको बता दें कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में लगातार जारी विरोध के बीच संसद को भंग करने का प्रस्ताव दिया था, जिसपर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी थी. अब नेपाल में अप्रैल-मई में फिर से चुनाव होने का रास्ता साफ हुआ है. केपी शर्मा ओली के इस फैसले पर पार्टी समेत देश में विरोध हो रहा है.