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जनरल नरवणे के नेपाल दौरे से ठीक पहले हुआ वहां मंत्रिमंडल में फेरबदल, रक्षा मंत्री हटाए गए

नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपने उपप्रधानमंत्री को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है. उन पर सेना को जबरन विवाद में घसीटने का आरोप लग रहा था. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अब रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रख ली है.

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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लिया बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लिया बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेपाल के मंत्रिमंडल में किया गया बड़ा बदलाव
  • पीएम ओली ने खुद के पास रखा रक्षा मंत्रालय
  • रक्षा मंत्री पोखरेल को पीएमओ की जिम्मेदारी दी

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अपने कैबिनेट के सबसे भरोसेमंद सहयोगी और सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे ईश्वर पोखरेल को रक्षा मंत्री के पद से हटा दिया है. भारत के थल सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे के नेपाल दौरे की घोषणा होने के कुछ घंटे बाद ही प्रधानमंत्री ओली ने उपप्रधानमंत्री पोखरेल से रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी वापस लेते हुए अपने पास रख ली है. पोखरेल फिलहाल पीएमओ में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे.

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नेपाली सेना के साथ लगातार विवाद में बने रहने के बाद रक्षा मंत्री को उनकी इस जिम्मेदारी से हटाने की चर्चा है. भारत से सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री रहते हुए ईश्वर पोखरेल ने नेपाली सेना के प्रमुख को जबरन कालापानी भेजा था, जबकि नेपाली सेना का स्पष्ट मानना था कि भारत के साथ कूटनीतिक या राजनीतिक विवाद में सेना को ना घसीटा जाए.

इसके अलावा रक्षा मंत्री रहते हुए पोखरेल ने नेपाली सेना पर भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे के नेपाल संबंधी बयान का विरोध करने और प्रतिक्रिया देने के लिए दबाव डाला था, जिसे नेपाली सेना ने सिरे से खारिज कर दिया था.

नेपाली सेना के ना चाहते हुए भी रक्षा मंत्री ने चीन से कोरोना काल में विवादित और काम नहीं लगने वाले टेस्ट किट और अन्य जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था. चीन से लाई गई अधिकांश सामग्री किसी काम की नहीं होने के कारण सेना की ईमानदारी पर प्रश्न चिन्ह लग गया था और इस खरीद में व्यापक भ्रष्टाचार किए जाने की खबर रक्षा मंत्रालय के तरफ से मीडिया में फैलाई गई थी.

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इसके अलावा भी रक्षा मंत्री की तरफ से नेपाली सेना को लेकर कई बार विवादित बयान देने के कारण सेना प्रमुख और विभागीय मंत्री में पिछले कुछ महीनों से मुलाकात और बातचीत तक बंद हो गई थी. रक्षा मंत्री की शिकायत लेकर नेपाली सेना के प्रमुख जनरल पूर्ण चन्द थापा ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों से मुलाकात कर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की थी.

राष्ट्रपति विद्या भंडारी जो कि इससे पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं, उन्होंने सेना को विवाद में घसीटने और सेना पर मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले मंत्री को हटाए जाने के लिए लगातार दबाव बनाया था. यह महज संयोग है कि जिस दिन भारतीय थल सेना अध्यक्ष के नेपाल दौरे की सार्वजनिक घोषणा की गई उसी दिन अचानक पीएम ओली ने रक्षा मंत्री से उनका मंत्रालय छीन लिया. भारतीय सेना प्रमुख के नेपाल दौरे तक ओली ही रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले हैं.

नेपाल और भारत की सेना के बीच काफी घनिष्ठता है. नेपाली सेना के वर्तमान प्रमुख जनरल पूर्ण चन्द थापा खुद भी इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट हैं. इनके अलावा कई अन्य पूर्व सेना प्रमुख भी एनडीए खडगवासला या आईएमए के ट्रेंड ऑफिसर होते हैं. 

सबसे खास बात यह है कि नेपाल और भारत दुनिया के एकलौते ऐसे संबंध वाले देश हैं जो एक-दूसरे के सैन्य प्रमुख को अपनी सेना के प्रमुख की मानद पदवी से सम्मानित करते हैं.

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