नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की पत्नी सीता दहल का बुधवार को एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति से पीड़ित होने के बाद निधन हो गया. वह 69 वर्ष की थीं. प्रधानमंत्री के प्रेस समन्वयक सूर्य किरण शर्मा के मुताबिक, लंबे समय से बीमार चल रही सीता का काठमांडू के नॉर्विक इंटरनेशनल अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां डॉक्टरों ने सुबह 8.33 बजे उनकी मृत्यु की पुष्टि की.
सीता, जो नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) की सलाहकार भी थीं, लंबे समय से पार्किंसनिज़्म, मधुमेह मेलिटस-द्वितीय और उच्च रक्तचाप के साथ-साथ प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी से पीड़ित थीं. प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो संतुलन, गति, दृष्टि, भाषण और निगलने में समस्याएं पैदा कर सकती है. उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब होने के बाद बुधवार सुबह उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक सीता का 2021 में भारत में इलाज हुआ था. उनका 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाल्टीमोर स्थित जॉन हॉपकिंस अस्पताल में भी इलाज किया गया था. इससे पहले जून 2018 में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर भी ले जाया गया था.
अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सीता का पार्थिव शरीर सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक कोटेश्वर के पेरिस डांडा स्थित पार्टी केंद्रीय कार्यालय में रखा गया. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ पशुपतिनाथ आर्यघाट पर किया गया. बेटी रेनू और गंगा दहल ने सीता की चिता को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार में कई शीर्ष मंत्री, सांसद, सचिव और राजनयिक मिशन के अधिकारी मौजूद थे.
बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड और सीता की तीन बेटियां और एक बेटा था. उनकी बड़ी बेटी ज्ञानू दहल और बेटे प्रकाश दहल का पहले ही निधन हो चुका है. सीता की मृत्यु पर बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धांजलि दी गई. राजनीतिक दलों के नेताओं और राजनयिकों ने प्रधानमंत्री प्रचंड की पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रचंड की पत्नी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "श्रीमती सीता दहल के निधन के बारे में जानकर बेहद दुख हुआ. मैं सीएमप्रचंडा के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शाश्वत शांति मिले. ओम शांति."