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नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ली शपथ

नेपाल को नया प्रधानमंत्री मिल गया है. पुष्प कमल दहल प्रचंड ने पीएम के रूप में शपथ ले ली है. इस रेस में पहले जरूर शेर बहादुर देउबा का नाम आगे चल रहा था, लेकिन राजनीति ने ऐसी करवट बदली की पीएम की कुर्सी प्रचंड के पास चली गई और केपी ओली को भी साथ में सरकार बनाने का मौका मिल गया.

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प्रधानमंत्री के रूप में पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ली शपथ (AFP)
प्रधानमंत्री के रूप में पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ली शपथ (AFP)

नेपाल को नया प्रधानमंत्री मिल गया है. पुष्प कमल दहल प्रचंड ने पीएम के रूप में शपथ ले ली है. इस रेस में पहले जरूर शेर बहादुर देउबा का नाम आगे चल रहा था, लेकिन राजनीति ने ऐसी करवट बदली कि पीएम की कुर्सी प्रचंड के पास चली गई और केपी ओली को भी साथ में सरकार बनाने का मौका मिल गया.

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नेपाल को मिला नया प्रधानमंत्री

अब नेपाल की राजनीति में ये एक बड़े नाटकीय मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है. असल में चुनाव के बाद देउबा की नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. माना जा रहा था कि उनका पीएम बनना तय है. जिस तरह से उनकी राष्ट्रपति से लगातार मुलाकात हो रही थी, कयास लग रहे थे कि जल्द ही वे अपनी दावेदारी पेश कर देंगे. उनकी पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ एक डील भी फाइनल हुई थी. लेकिन ऐन वक्त पर एक मीटिंग से नाराज होकर पुष्प कमल दहल प्रचंड बाहर निकले और उन्होंने गठबंधन से बाहर होने का फैसला ले लिया. उसके बाद जो हुआ वो किसी फिल्म से कम नहीं.

भारत को लेकर प्रचंड का रुख चिंताजनक

पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बिना समय गवाएं केपी ओली से बात की, उनकी पार्टी को अपने साथ लिया और कुल 165 सांसदों के हस्ताक्षर वाला कागज राष्ट्रपति को सौंपा गया. बताया जा रहा है कि अभी आधे कार्यकाल के लिए प्रचंड पीएम रहेंगे, वहीं बाद में केपी ओली को कुर्सी सौंप दी जाएगी. अब प्रचंड का पीएम बनना भारत के लिए थोड़ी टेंशन की बात है. पहले भी देश की सत्ता संभाल चुके प्रचंड चीन को हमेशा से अपना करीबी मित्र मानते हैं. उनके कई फैसले भी रहे हैं जिन्होंने भारत को नाराज करने का काम किया है. ऐसे में इस बार वे किस रणनीति पर आगे बढ़ते है, किस प्रकार से दोनों भारत और चीन को साथ लेकर चलते हैं, इस पर सभी की नजर रहेगी.

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नेपाल चुनाव के क्या नतीजे रहे?

नेपाल चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने 275 सीटों में से 89 जीती हैं, CPN-UML के खाते में 78 सीटें गई हैं और CPN-Maoist को 32 सीटों से संतुष्ट करना पड़ा है. पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी ने भी 20 सीटे अपने नाम की हैं, जनता समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें जीती हैं जनमत पार्टी के खाते में 6 सीटें गई हैं.

 

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