बिहार की चकाई विधानसभा सीट पर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. इस सीट पर मौजूदा समय में आरजेडी की सावित्री देवी का कब्जा है, जिन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह को शिकस्त दी थी. इस बार समीकरण बदल गए हैं. जेएमएम ने इस सीट पर दावेदारी की है, जबकि जेडीयू के कई बड़े नेताओं की भी नजर सीट पर है, लेकिन लोजपा ने भी सीट पर अपना दावा ठोंका है.
चकाई सीट का राजनीतिक इतिहास
झारखंड सीमा से सटे इस सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ था. इस चुनाव में एसओसी के लाखन मुर्मू जीते थे. इसके बाद 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के श्रीकृष्णा सिंह जीते. 1969 में हुए चुनाव में फिर से श्रीकृष्णा सिंह जीते. इसके बाद 1972 में कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह जीतने में कामयाब हुए. 1977 में निर्दलीय प्रत्याशी फाल्गुनी प्रसाद यादव जीते.
1980 के चुनाव में फाल्गुनी प्रसाद यादव बीजेपी में शामिल हो गए और फिर विधायक बने. 1985 में कांग्रेस नरेंद्र सिंह जीते. 1990 में नरेंद्र सिंह, जनता दल के टिकट पर लड़े और जीते. 2000 में नरेंद्र सिंह, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए और जीते. 2005-फरवरी में एलजेपी के अभय सिंह जीते, लेकिन 2005-अक्टूबर में बीजेपी के फाल्गुनी प्रसाद यादव जीतने में कामयाब हुए. 2010 में जेएमएम के सुमित कुमार सिंह जीते. 2015 में आरजेडी की सावित्री देवी जीतीं.
कौन- कौन है मैदान में?
जनता दल यूनाइटेड- संजय प्रसाद
झारखंड मुक्ति मोर्चा- एलिजाबेथ सोरेन
लोक जनशक्ति पार्टी- संजय कुमार मंडल
राष्ट्रीय जनता दल- सावित्री देवी
कब हुआ चुनाव?
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – 10 नवंबर
कितने फीसदी मतदान?
चकाई विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 65.83 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.