नेपाल ने भारत से भूकंप पीड़ितों के लिए बतौर राहत सामग्री में पुराने कपड़े भेजने से मना कर दिया है. नेपाल ने कहा कि पुराने कपड़े और बचा हुआ खाने की उन्हें जरूरत नहीं है.
नेपाल में 25 अप्रैल को आए 7.9 रिएक्टर की तीव्रता के भूकंप में तकरीबन 7000 लोगों की मौत हुई और काफी लोग बेघर हो गए थे. भारत ने नेपाल में आई भयावह त्रासदी के बाद सबसे पहले मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था. सरकार के अलावा कई एनजीओ और कारपोरेट सेक्टरों ने भी नेपाल में करीब नौ करोड़ भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद की.
नेपाल के भारत से भेजी गई मदद के विरोध का यह मामला तब सामने आया, जब राहत सामग्री से भरी ट्रेन बिहार में भारत के बॉर्डर के पास बीरगंज पहुंची. नेपाल के अधिकारियों ने कहा कि राहत सामग्री में उन्हें 'आपत्तिजनक' सामान मिला. राहत सामान को रेलवे पोर्ट पर ही खोला गया जिसमें से पुराने कपड़े निकाल दिए गए और सामान को ट्रक में भरकर नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिया गया.