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नेपाल: यति ग्रुप के अब तक 14 विमान दुर्घटनाग्रस्त, 169 लोगों की गई जान

नेपाल में कल जिस कंपनी का प्लेन क्रैश हुआ उस यति समूह के सबसे ज्यादा विमान हादसे होते हैं. एक रिकॉर्ड के मुताबिक इस समूह के अब तक 14 विमान दुर्घटना के शिकार हो गए हैं, जिनमें सैकड़ों जानें गई हैं. नेपाल एविएशन अथॉरिटी के रिकॉर्ड के मुताबिक यति एयरलाइंस के 8 और तारा एयर के 6 विमान दुर्घटना का शिकार हुए हैं.

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हादसे को रिकॉर्ड में अव्वल है यति समूह
हादसे को रिकॉर्ड में अव्वल है यति समूह

नेपाल से बीते दिन प्लेन क्रैश होने की खबर आई. इस विमान हादसे में 72 लोगों की जान चली गई. यह प्लेन यति एयरलाइन्स का था. इस यति समूह के सबसे ज्यादा विमान हादसे होते हैं. विमान हादसों के रिकॉर्ड में यति समूह का नाम सबसे ऊपर आता है. रिकॉर्ड के मुताबिक इस समूह के अब तक 14 विमान दुर्घटना के शिकार हो गए हैं, जिनमें सैकड़ों जानें गई हैं.

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यति समूह द्वारा संचालित तारा एयर दुर्गम जिलों में उडान भरता है, जबकि यति एयरलाइंस देश के बडे़ शहरों में उड़ान भरता है. इसी समूह का हिमालयन एयरलाइंस अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरता है. नेपाल एविएशन अथॉरिटी के रिकॉर्ड के मुताबिक यति एयरलाइंस के 8 और तारा एयर के 6 विमान दुर्घटना का शिकार हुए हैं. कुल 14 विमान दुर्घटनाओं में 7 बार यात्रियों की किस्मत अच्छी रही और उनमें कोई भी मानवीय क्षति नहीं हो पाई. लेकिन 7 बार विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट, एयर होस्टेस सहित 169 की जानें जा चुकी हैं. इनमें यति एयरलाइंस के 4 और तारा एयर का तीन विमान क्षतिग्रस्त हुए थे जिनमें कि कोई भी यात्री नहीं बच पाया.

यति ग्रुप ने बनाई तारा एयर

यति एयरलाइंस की स्थापना मई 1998 में हुई थी. लेकिन स्थापना के हर दूसरे साल में विमान हादसा होने के बाद नेपाल के दुर्गम और विकट क्षेत्रों में उड़ान भरने के लिए तारा एयर की स्थापना की गई. तारा एयर के सभी विमान सिर्फ ट्विन जेट हैं जिसमें यात्री क्षमता 15 से 18 ही होती है.

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लगभग हर 2 साल में होते रहे हादसे

तारा एयर के एक विमान को धक्का लगाकर रनवे से बाहर ले जाने का दृष्य सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था. यति एयरलाइंस की मानवीय क्षति वाला पहला विमान हादसा 25 मई 2004 को हुआ था, जब सोलुखुम्बु में विमान पहाड़ की चोटी से टकरा गया, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी. इसके दो साल बाद 12 जून 2006 को यति एयरलाइंस के विमान जुम्ला में हादसे का शिकार हो गया जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना के दो साल बाद यानी 8 अक्टूबर 2008 को यति एयरलाइंस का ही विमान लुक्ला एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें चालक दल सहित 18 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.

यति समूह के विमानों के कई हादसे

इस हादसे के फिर दो साल बाद यानी 15 दिसंबर 2010 को तारा एयर का विमान ओखलढुंगा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार क्रू मेंबर सहित सभी 22 यात्रियों की दर्दनाक मौत हुई थी. इस दुर्घटना के बाद पांच सालों तक कोई बड़ा हादसा तो नहीं हुआ, लेकिन बिना मानवीय क्षति के ही विमान दुर्घटना जारी रहीं. 24 फरवरी 2016 को एक बार फिर तारा एयर का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जब विमान पोखरा से जोमसोम की तरफ जा रहा था. मौसम में आई खराबी के कारण यह विमान म्याग्दी जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके कारण विमान में सवार 23 लोगों की जान चली गई थी.

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एक के बाद एक कई हादसे

पिछले साल मई 2022 में तारा एयर का एक विमान जो 19 यात्री और 3 क्रू मेंबर्स को लेकर जा रहा था मुस्तांग के थासांग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके कारण उसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी और अब 15 जनवरी 2023 को काठमांडू से पोखरा जा रहा यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान अवतरण से महज कुछ सेकेंड की दूरी पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें विमान में सवार 4 क्रू मेंबर्स सहित सभी 72 यात्रियों की मौत हो गई.

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