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नेपाली मंत्री के भारतविरोधी बयान को भारत ने बताया भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण

नेपाल के एक मंत्री ने सोमवार को भारत पर यह आरोप लगाया था कि वह भारतीय मूल के मधेसियों द्वारा नेपाल में जारी संविधान विरोधी आंदोलन में सादी वर्दी में जवानों को नेपाल भेज रहा है. भारतीय दूतावास ने इस बयान को भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है.

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रक्सौल में जारी विरोध प्रदर्शन
रक्सौल में जारी विरोध प्रदर्शन

नेपाल के एक मंत्री ने सोमवार को भारत पर यह आरोप लगाया था कि वह भारतीय मूल के मधेसियों द्वारा नेपाल में जारी संविधान विरोधी आंदोलन में सादी वर्दी में जवानों को नेपाल भेज रहा है. भारतीय दूतावास ने इस बयान को भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है.

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भारतीय दूतावास ने सख्त शब्दों में जारी बयान में नेपाल के मंत्री सत्यनारायण मंडल द्वारा कल की गयी टिप्पणियों पर अपनी गंभीर चिंता जताई. पूर्वी नेपाल के विराटनगर में सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मंडल ने आरोप लगाया था कि भारत अपनी सेना के जवानों को सादे कपड़ों में नेपाल भेजने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा था, ‘भारत वर्दी में अपनी सेना को नहीं भेज सकता इसलिए संभावना है कि भारतीय सैनिक सादे कपड़ों में नेपाल में प्रवेश करें.’ दूतावास ने कहा, ‘ये बयान भड़काऊ, निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं.’

मंडल का बयान उसी दिन आया है जिस दिन रक्सौल के पास बीरगंज में तेज हुए संविधान विरोधी प्रदर्शनों के बीच पुलिस गोलीबारी में एक भारतीय युवक की मौत हो गई. नेपाली सुरक्षा बलों ने प्रदर्शन स्थल से दो भारतीय नागरिकों को पकड़ लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय युवक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर क्षोभ प्रकट किया और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली से फोन पर बात कर घटना का ब्योरा देने का अनुरोध किया. घटना को लेकर भारत ने नेपाल के राजदूत को भी तलब किया.

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दूतावास ने कहा कि वह इन बयानों की कड़ी निंदा करता है और सभी जिम्मेदार लोगों से ऐसा कुछ करने या कहने से बचने का अनुरोध करता है जिसका दोनों पड़ोसी देशों के इतने पुराने संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता हो. बयान के अनुसार, ‘भारत नेपाल की जनता के लिए शांति, स्थिरता और समृद्धि चाहता है और उसने इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए लगातार नेपाल की सरकार और जनता का समर्थन किया है और करता रहेगा.’ रक्सौल के पास मुख्य व्यापार बिंदु के नजदीक आंदोलन चलने से जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रक गयी है और नेपाल में ईंधन का गंभीर संकट पैदा हो गया है.

-इनपुट IANS

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