पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयान पर इस्लामिक देशों की कड़ी आपत्ति के बीच नीदरलैंड्स के एक सांसद का बयान सुर्खियों में है.
नीदरलैंड्स के सांसद और पार्टी फॉर फ्रीडम के अध्यक्ष गीर्ट विल्डर्स ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा है कि यह हास्यास्पद है कि अरब और इस्लामिक देश भारतीय नेता के बयान पर इतनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि भारत को माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है.
डच सांसद ने कहा कि भारत को इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया पर ध्यान नहीं देना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा, तुष्टिकरण कभी काम नहीं आता. इससे चीजें सिर्फ बदतर होती हैं इसलिए भारत के मेरे दोस्तों इस्लामिक देशों से मत डरो. स्वतंत्रता के लिए खड़े रहो.
सांसद गीर्ट विल्डर्स दक्षिणपंथी पार्टी के नेता हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है.
उन्होंने ट्वीट किया, पैगंबर मोहम्मद के नाम पर मुझे हर दिन जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. धमकी देने से कुछ हासिल नहीं होगा. मैं सच कहना बंद नहीं करूंगा.
बता दें कि बीजेपी ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणियों की वजह से रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल पर कड़ी कार्रवाई की थी.
नूपुर शर्मा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था जबकि नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
बीजेपी के दो नेताओं की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अब तक कई देश आपत्ति जता चुके हैं. इनमें ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया हैं. बीजेपी ने टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की है.
इस मामले में राजनयिक स्तर पर भी तूल पकड़ा. कई देशों ने अपने देशों में स्थित भारतीय राजदूतों को तलब कर नाराजगी जाहिर की.
भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले पर 57 सदस्यीय मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी आपत्ति जताई.
ओआईसी ने भारत को घेरते हुए संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से अपील की है कि भारत में मुसलमामों को निशाना बनाने के खिलाफ जरूरी कदम उठाए जाएं.
भारत ने भी ओआईसी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत इसे पूरी तरह खारिज करता है. भारत ने ओआईसी की टिप्पणी को प्रेरित, भ्रामक और शरारतपूर्ण बताया है.
ओआईसी ने ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. एक ट्वीट में संगठन की तरफ से लिखा गया कि ओआईसी के महासचिव ने पैगंबर मोहम्मद के प्रति भारत के सत्तारूढ़ दल के एक व्यक्ति द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना की है.
ओआईसी की तरफ से कहा गया कि भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. संगठन ने भारत के कई राज्यों के शिक्षण संस्थाओं में हिजाब बैन और मुस्लिमों के संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिमों पर पाबंदी लगाई जा रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी महासचिव की टिप्पणी को खारिज कर दिया.
उन्होंने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार ओआईसी सचिवालय की तरफ से की गई अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है. भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है.'
छह खाड़ी देशों के संगठन गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (GCC) ने भी पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता की आलोचना कर कहा कि संगठन इस तरह की किसी भी टिप्पणी को अस्वीकार करता है.