Change is the law of nature, यानी बदलाव, प्रकृति का नियम है. इस नियम को आज तक कोई तोड़ नहीं पाया. चाहते या न चाहते हुए भी बदलाव के साथ हर किसी को बदलना पड़ता है. हर बदलते साल के साथ हर शय बदल रही है. मौसम बदल रहे हैं. तरीके बदल रहे हैं. तकनीक बदल रही है. हम बदल रहे हैं. और उम्मीदें बस यही हैं कि ये बदलाव सकारात्मक हों. इसी उम्मीद के साथ एक नज़र डालते हैं आने वाले साल में होने वाले बदलावों पर. ये बदलाव हर क्षेत्र में दिखाई दे सकते हैं - चाहे वो तकनीक में होने वाले बदलाव हों, पर्यावरणीय बदलाव हों, भू-राजनीतिक बदलाव हों या सामाजिक. आइए जानते हैं नया साल 2025 दुनिया को कितना बदल सकता है.
1. तकनीकी प्रगति और AI
सबसे पहले बात करते हैं कि तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की. 2024 की तरह 2025 भी तकनीकी तौर पर दुनिया को बदलकर रख देने वाले बदलावों का साक्षी होगा.
Artificial Intelligence
जिस तरह 2024 में Artificial Intelligence ने दुनिया को आसान बनाया, नया साल भी नए बदलावों से एक बार फिर हैरान करेगा. AI और Automation में विकास जारी रहेगा, खासकर healthcare, Finance, retail और manufacturing जैसे उद्योगों में ये खासतौर पर प्रभावी होगा. medical diagnostics से लेकर personalized customer service तक, AI-powered systems की भूमिका और भी जटिल होगी. बात अगर बाजार की करें, तो हालिया सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बाज़ार का आकार तेज़ी से बढ़ा है. ताजा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक global AI market जिसके 2024 में करीब 638.23 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, 2025 में करीब 747.91 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
Quantum Computing
बात अगर Quantum Computing की करें, तो इस सेक्टर में साल 2025 turning point साबित होगा. United Nations ने 2025 को International Year of Quantum Science and Technology (IYQ) घोषित किया है, जिसमें quantum mechanics के 100 साल होने पर, इसके इस्तेमाल को लेकर पब्लिक अवेयरनेस के लिए प्रयास किए जाने हैं. 2025 में quantum processing units (QPU) को CPU और GPU जैसे पारंपरिक हार्डवेयर के साथ इंटीग्रेट करके, ज़्यादा शक्तिशाली और बेहतर सिस्टम तैयार होंगे. Machine learning, natural language processing, financial modeling, drug discovery, और optimization से जुड़ी समस्याओं में मजबूत तालमेल बनाने के लिए quantum computing को AI के साथ जोड़ा जाएगा. Quantum computing से बहुत ही अहम बदलाव दिखने की उम्मीद है, जो cryptography, pharmaceuticals, और climate modeling जैसी इंडस्ट्रीज़ को बदल सकती है.
Extended Reality (XR):
Extended Reality की बात करें, तो ये एक मेनस्ट्रीम टूल बन सकता है, जो हमारे सीखने, काम करने और हमारे आस-पास की दुनिया के साथ संपर्क करने के तरीके को काफी हद तक प्रभावित करेगा. Augmented Reality (AR) और Virtual Reality (VR) दोनों में प्रगति दिखेगी, जो शिक्षा, मनोरंजन, यहां तक कि remote work environments में खासतौर पर देखने मिलेगी. बता दें कि 2025 में Extended Reality category का आकार दोगुना हो जाएगा. True Augmented Reality डिवाइस, जैसे Meta का Orion, तकनीकी चुनौतियों की वजह से खास बने रहेंगे.
Autonomous Vehicles:
लोग self-driving या स्व-चालित कारों को ज़्यादा अपनाते हुए नजर आएंगे. खासकर शहरी इलाकों में और delivery services या public transport में. Alphabet की self-driving vehicle unit Waymo, 2025 की शुरुआत में ही टोक्यो में अपनी ऑटोनॉमस कार की टेस्टिंग शुरू करेगी. मार्च 2025 से Switzerland में भी ड्राइवरों को स्विस मोटरवे पर सेल्फ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी जाएगी.
2. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता
2020 के दशक को क्लाइमेट एक्शन के लिए 'निर्णायक दशक' माना जाता है. sustainable future की दिशा में ये ज़रूरी कदम उठाने का एक महत्वपूर्ण समय है. हरित ऊर्जा क्रांति की बात करें, तो जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन तीव्र होता जाएगा, नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक निवेश बढ़ता रहेगा. Solar, wind, और दूसरे sustainable energy source, ग्लोबल एनर्जी मार्केट में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. बैटरी स्टोरेज और हाइड्रोजन ईंधन में नवाचार होंगे, जिससे fossil fuels की ज़रूरत कम होगी. कई देश और संस्थाएं carbon neutrality या net-zero emissions target को पूरा करने का लक्ष्य रखेंगे, जिससे carbon capture technology और sustainable agriculture में ज़्यादा निवेश होगा. वहीं इसे भी नहीं नकार सकते कि इस साल भी जंगल की आग, बाढ़ और तूफान जैसे खराब मौसम की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
3. भू-राजनीतिक बदलाव
उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 में दुनिया के चार बड़े नेता, यानी ट्रंप, पुतिन, शी जिनपिंग और नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से भू-राजनीति की दिशा तय करेंगे.
अमेरिका
2025 में दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र, यानी अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू होगा. इस कार्यकाल में ट्रंप घरेलू स्तर पर एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करेंगे, जिसमें विकास पर ज़ोर होगा और नई नौकरियों के सृजन पर फोकस किया जाएगा. साथ ही, कारगर अर्थव्यवस्था के निर्माण पर फोकस होगा. इसके अलावा उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में छिड़े युद्ध को खत्म करने की दिशा में भी पहल करेंगे.
रूस
वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति के रूप में अपना 20वां साल पूरा कर रहे हैं. 2025 में पुतिन अपने क्षेत्रीय विस्तार की मुहिम जारी रखेंगे. कहने का मतलब है कि वे कहीं अपने क़दम पीछे खींचने और कहीं डटे रहने की मिली जुली रणनीति का इस्तेमाल करेंगे.
चीन
दुनिया की सबसे बड़ी तानाशाही सरकार और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, यानी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बात करें, तो उनके नेतृत्व में देखा गया है कि वैश्विक स्तर पर भू-राजनीति और व्यापार के क्षेत्र में चीन का आक्रामक रुख रहा है. लेकिन 2025 में लगता है कि वे दबदबा क़ायम करने वाले अपने इस रवैये में कमी लाएंगे और घरेलू अर्थव्यवस्था और देश के भीतर पैदा हो रहे असंतोष से निपटने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
भारत
इस लिस्ट में चौथे वैश्विक नेता का नाम है नरेन्द्र मोदी. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री के रूप में वैश्विक स्तर पर उनकी एक मज़बूत छवि है. 2025 में प्रधानमंत्री मोदी विकास की ओर अग्रसर भारत की इस यात्रा को बरक़रार रखते हुए दुनिया में अपनी निष्पक्षता और रणनीतिक स्वतंत्रता को क़ायम रखेंगे.
4. वैश्विक अर्थव्यवस्था
महंगाई और आर्थिक सुधार की बात करें तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को महंगाई के दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर जब देश महामारी के वित्तीय प्रभावों से उबर रहे हों. सेंट्रेल बैंक ब्याज दरों को अडजस्ट करना जारी रख सकते हैं. Organisation for Economic Co-operation and Development (OECD) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 3.2 प्रतिशत बढ़ेगी और साल 2025 से 26 में 3.3 प्रतिशत पर स्थिर हो जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि मौजूदा वैश्विक मुद्रास्फीति स्तर में गिरावट जारी है, रोजगार का दबाव कम हो रहा है, व्यापार में सुधार हो रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है. अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 से 2026 तक एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक आर्थिक विकास में प्रमुख योगदानकर्ता बनी रहेंगी और वैश्विक व्यापार में चीन की हिस्सेदारी और बढ़ेगी. अमेरिका की इकोनॉमी 2024 में 2.8 फीसदी बढ़ेगी, और 2025 में 2.4 फीसदी और 2026 में 2.1 फीसदी बढ़ेगी.
भारत की बात करें, तो क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में भारत की GDP वृद्धि दर 6.5% से 7% के बीच रह सकती है. मजबूत आर्थिक गतिविधियों और खपत में सुधार के चलते ये अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट बताती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ट्रेंड ग्रोथ के करीब पहुंच रही है. वहीं अगर Cryptocurrency और Digital Finance की बात करें, तो क्रिप्टोकरेंसी और central bank digital currencies (CBDC) mainstream finance में ज़्यादा इंटीग्रेटेड हो सकती हैं.
5. अंतरिक्ष अन्वेषण
Commercial Space Ventures की बात करें तो, 2024 की तरह 2025 में भी SpaceX, Blue Origin जैसी Private कंपनियां space tourism, lunar exploration में तेजी से काम करती रहेंगी. NASA सितंबर 2025 में Artemis-II मिशन लॉन्च करेगा जिसमें 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजेगा. 2025 भारत के लिए ऐतिहासिक साबित होगा. इसरो और अमेरिकी कंपनी Axiom Space की पार्टनरशिप के तहत, अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 2025 में International Space Station के लिए Axiom-4 मिशन के पायलट होंगे. 2025 के शुरुआत में ही इसरो गगनयान2 लॉन्च कर सकता है. साथ ही मई 2025 में ही भारत में Global Space Exploration Conference हो रही है, जो भाविष्य का रुख तय करेगी.
ये कुछ रुझान हैं जो 2025 में ग्लोबल लैंडस्केप को आकार दे सकते हैं. हालांकि, अप्रत्याशित घटनाएं जैसे प्राकृतिक आपदाएं, राजनीतिक बदलाव या तकनीकी सफलताएं विकास की दिशा को कभी भी बदल सकती हैं.