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2000 वर्ष पुराना 'यक्ष', 800 साल पुरानी 'अप्सरा', भारत की 15 अनमोल धरोहरों को लौटाएगा US

न्यू यॉर्क के मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने भारत को 15 एंटीक मूर्तियां और कला शिल्प भारत को वापस करने का फैसला किया है. इन्हें स्मगलर डीलर सुभाष कपूर द्वारा बेचा गया था. सुभाष कपूर इस वक्त तमिलनाडु की जेल में बंद है.यह सभी शिल्प 1 शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 11 वीं शताब्दी सीई तक के हैं.

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मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट (फाइल फोटो)
मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट (फाइल फोटो)

न्यू यॉर्क के प्रतिष्ठित मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने भारत को 15 एंटीक मूर्तियां और कला शिल्प लौटाने का फैसला किया है. असल में इन प्राचीन वस्तु शिल्प- मूर्तियों को अवैध तरीके से भारत से हटाया गया था. सामने आया था कि इन्हें स्मगलर डीलर सुभाष कपूर द्वारा बेचा गया था. सुभाष इस वक्त तमिलनाडु की जेल में बंद है. गुरुवार को एक बयान में, Metropolitan Museum of Art (Met)  ने कहा कि वह भारत सरकार को वापस करने के लिए 15 मूर्तियों को स्थानांतरित करेगा. 

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बहुत प्राचीन हैं ये शिल्प

यह सभी शिल्प 1 शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 11 वीं शताब्दी सीई तक के हैं, और इसमें टेराकोटा, तांबा और पत्थर के दुर्लभ शिल्प शामिल हैं. इन सभी को सुभाष कपूर ने बेच दिया था. संग्रहालय ने अपने बयान में कहा कि वह पुरातात्विक कला के जिम्मेदारी पूर्वक अधिग्रहण किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही नए अधिग्रहण और इसके संग्रह में लंबे समय तक काम करने के लिए कठोर मानकों को लागू करता है. इसके साथ ही संग्रहालय सक्रिय रूप से संदिग्ध डीलरों से पुरावशेषों के इतिहास की समीक्षा कर रहा है. संग्रहालय भारत सरकार के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है और इस मामले को सुलझाए जाने से खुश है. 

भारत को ट्रांसफर करने का किया फैसला

संग्रहालय ने 2015 में सुभाष कपूर से अपने कार्यों के बारे में होमलैंड सुरक्षा से संपर्क किया और मैनहट्टन जिला अटॉर्नी कार्यालय द्वारा सुभाष कपूर की आपराधिक जांच के परिणामस्वरूप आज इस मामले पर कार्रवाई की है. संग्रहालय ने मैनहट्टन डीए के कार्यालय से कला के 15 शिल्पों के बारे में नई सूचनाएं और जानकारी इकट्ठी की हैं और,इसके जरिए यह स्पष्ट हो गया कि कार्यों को स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके अलावा, तुर्की साइटों बुबोन और पेर्गे में डीए कार्यालय की आपराधिक जांच के सहयोग के बाद हाल ही में अपने ग्रीक और रोमन दीर्घाओं से तुर्की से तीन टुकड़े हटा दिए- जिनमें से दो लोन के थे और तीसरा मेट के संग्रह का हिस्सा है. 

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