अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता करने उतरी भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेत्री निक्की हेली ने अपने तेवरों से जता दिया है कि चीन को लेकर उनके तेवर कड़क और उग्र रहने वाले हैं. निक्की हेली ने कहा कि सोवियत रूस की तरह ही कम्युनिस्ट चीन का अंत भी 'इतिहास की राख के ढेर' पर होगा.
निक्की हेली ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में बीजिंग को सख्त चेतावनी दी. अमेरिका की ओर से चीन के विशाल जासूसी बैलून को अमेरिकी वायुसीमा में गिराने जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.
भारतीय मूल की 51 वर्षीय रिपब्लिकन नेता निक्की हेली साउथ कैरोलिना से 2 बार गवर्नर रह चुकी हैं. इसके अलावा वे संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत भी रही हैं. निक्की हेली ने रिपब्लिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. रिपब्लिक पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार बनने के लिए निक्की हेली को पहले अपनी पार्टी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मात देना होगा. ट्रंप भी राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुके हैं.
बुधवार को साउथ कैरोलिना में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए निक्की हेली ने कहा, " इस अमेरिका में सशस्त्र सेनाएं पहले से ज्यादा ताकतवर और शक्तिशाली होंगी, एक मजबूर सेना युद्ध शुरू किया नहीं करते, एक शक्तिशाली सेना युद्ध को होने से रोकती है."
निक्की हेली ने कहा कि 'हम अपने सहयोगियों के साथ डटकर खड़े होंगे, चाहें वो इजरायल हों या यूक्रेन, हम अपने दुश्मनों के खिलाफ भी खड़े होंगे ईरान और रूस में. और मैं जिस अमेरिका की बात करती हूं वहां कम्युनिस्ट चीन सिर्फ हारेगा ही नहीं, बल्कि सोवियत रूस की तरह कम्युनिस्ट चीन भी इतिहास की राख के ढेर पर समाप्त हो जाएगा.'
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पर तंज कसते हुए निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका अगर 20वीं सदी के नेताओं पर भरोसा करता रहा तो हम 21वीं सदी के लिए जंग नहीं जीत पाएंगे. 80 साल के जो बाइडेन अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं.
निक्की हेली ने चीन के खिलाफ सख्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि, "चीन के तानाशाह दुनिया को कम्युनिस्ट अत्याचार में ढकना चाहते हैं, और सिर्फ हम ही हैं जो उन्हें रोक सकते हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगी कि अगर हम 20वीं सदी के नेताओं पर भरोसा करते रहेंगे तो हम 21वीं सदी की लड़ाई नहीं जीत पाएंगे. अमेरिका अभी संदेह, विभाजन और आत्म-विनाश के रास्ते पर है. हम उस रास्ते पर हैं जहां हमारी देशभक्ति और ताकत कमजोर होती जा रही है."
यूक्रेन वार और चीन के जासूसी गुब्बारे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, "रूस ने 75 वर्षों में यूरोप में सबसे बड़ा युद्ध शुरू किया. और कम्युनिस्ट चीन में हम इतिहास के सबसे मजबूत और सबसे अनुशासित दुश्मन का सामना कर रहे हैं. यह अकल्पनीय है कि अमेरिकी आसमान की ओर देखेंगे और पाएंगे कि एक चीनी जासूसी गुब्बारा हमारी निगरानी कर रहा है."
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उनके खोजी दल ने अटलांटिक महासागर से इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के ऊपर गिराए गए एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे से सेंसर बरामद किए हैं. इन सेंसरों की जांच की जा रही है.
अगर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो निक्की हेली को सबसे पहले प्रेसिडेंशियल प्राइमरी में जीत साहिल करनी पड़ेगी यहां उनकी टक्कर डोनाल्ड ट्रंप से हैं. प्रेसिडेंशियल प्राइमरी अगले साल जनवरी में शुरू होने वाला है. अगला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को प्रस्तावित है.
बता दें कि निक्की हेली की माता का नाम राज कौर रंधावा और पिता का नाम अजित सिंह रंधावा है. 1960 के दशक में ये दोनों पंजाब से कनाड़ा चले गए थे इसके बाद कनाडा से ये कपल अमेरिका आ गया था.