यूं तो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को डेढ़ साल से भी ज्यादा का समय बचा है, लेकिन चुनाव के लिए तैयारियां अभी से तेज हो गई हैं. अलग-अलग उम्मीदवारों अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अमेरिका के लोगों से बड़े-बड़े चुनावी वादे कर रहे हैं. राष्ट्रपति पद की दौड़ में इस बार भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली (51) भी रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी जता रही हैं.
निक्की ने अपने चुनावी वादों में अमेरिका विरोधी देशों को सबक सिखाने की बात कहनी शुरू कर दी है. उन्होंने हाल ही में कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतकर अमेरिका की सत्ता में आती हैं तो चीन, पाकिस्तान और इराक जैसे अमेरिका विरोधी देशों को जाने वाली विदेशी मदद में पूरी तरह से कटौती कर देंगी.
इससे पहले निक्की दो बार दक्षिण कैरोलिना से गवर्नर चुनी जा चुकी हैं. इसके अलावा वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत भी रही हैं. फरवरी महीने की शुरुआत में निक्की ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में खुद को शामिल करने का ऐलान किया था. बता दें कि अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है.
निक्की हेली ने अपने संबोधन में कहा कि जो देश अमेरिका से नफरत करते हैं, उन्हें मिलने वाली मदद को बिल्कुल खत्म कर दिया जाएगा. एक शक्तिशाली अमेरिका कभी भी बुरे लोगों को आर्थिक मदद नहीं करेगा. हमें अमेरिका के लोगों की मेहनत की कमाई को इस तरह बर्बाद नहीं करना चाहिए.
अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में निक्की हेली ने कहा कि अमेरिकी मदद उन देशों को मिलनी चाहिए, जो भरोसे के लायक हैं और दुश्मनों के खिलाफ अमेरिका के साथ खड़े रहते हैं. निक्की हेली ने पाकिस्तान, चीन और इराक के साथ ही रूस की मदद करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि चीन और रूस दोनों ही अमेरिका के विरोधी हैं. अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं तो इनकी मदद करने वाले देशों को अमेरिका की मदद तत्काल प्रभाव से बंद की जाएगी.
निक्की हेली ने बताया कि अमेरिका ने पिछले साल दूसरे देशों की मदद पर 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे. यह पैसा चीन, पाकिस्तान और इराक जैसे देशों को दिया जाता है. अमेरिका के करदाता यह जानने के हकदार हैं कि आखिर यह पैसे जा कहां रहे हैं. जब उन्हें यह पता चलेगा तो वह चौंक जाएंगे कि इस मदद का ज्यादातर हिस्सा अमेरिका के खिलाफ काम करने वाले देशों की मदद में खर्च होता है. राष्ट्रपति बनते ही वह इस पर रोक लागाएंगी.
निक्की हेली ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है, जबकि पाकिस्तान एक दर्जन आतंकवादी संगठनों की पनाहगाह है. हेली ने आगे कहा कि जब वो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं, उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान की करीब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता में कटौती की थी. निक्की ने इस फैसले का पुरजोर समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन आतंकियों का समर्थन करता था, जो अमेरिकी सैनिकों की मौत का कारण बनते थे.
अमेरिका में चुनावों को लेकर होने वाले सर्वे के मुताबिक राष्ट्रपति पद की दौड़ में निक्की हेली अमेरिका के वर्तमान प्रेसिडेंट जो बाइडेन से आगे चल रही हैं. हालांकि, वह पूर्व राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी से इस बार भी उम्मीदवारी जता रहे डोनाल्ड ट्रंप से काफी पीछे हैं. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप 52 फीसदी के साथ नंबर वन पर तो फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसेंटिस 24 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर हैं. इसके बाद निक्की हेली का नबर है.
आप्रवासी पंजाबी सिख माता-पिता के घर जन्मी निम्रता निक्की रंधावा हेली अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल तीसरी भारतीय-अमेरिकी हैं. इससे पहले 2016 में बॉबी जिंदल और 2020 में वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रह चुकी हैं. कुछ समय पहले रिपब्लिकन पार्टी से एक और भारतीय-अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी. हालांकि, निक्की हेली के लिए भी यह रास्ता इतना आसान नहीं है. उन्हें इस रेस में बने रहने के लिए जनवरी 2024 में होने वाले रिपब्लिकन पार्टी के चुनाव में जीत हासिल करनी होगी.