भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ लंदन में ब्रिटिश हाई कोर्ट के समक्ष अपील दायर की है. इस मामले से जुड़े घटनाक्रम पर अवगत एक सूत्र ने इंडिया टुडे को इसकी जानकारी दी है. यदि नीरव मोदी की अपील स्वीकार कर ली जाती है तो उसके भारत प्रत्यर्पण में कुछ और महीने का समय लगेगा.
ब्रिटेन के गृह विभाग ने 16 अप्रैल को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. नीरव मोदी के पास ब्रिटिश गृह मंत्रालय के फैसले के खिलाफ वहां के हाई कोर्ट में अपील दायर करने के लिए 14 दिन का समय था. 25 फरवरी को ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए पहली कानूनी बाधा को खत्म कर दिया था.
सूत्रों ने बताया कि अपनी नई अपील में नीरव मोदी ने दावा किया है कि अगर उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाता है तो सुनवाई के दौरान उचित ट्रायल का मौका नहीं मिलेगा. नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है.
बता दें कि मामला नीरव मोदी की तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई बैंक धोखाधड़ी का है. नीरव मोदी ने बीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है.
पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पीएनबी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच पड़ताल कर रहा है.
इसी केस में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. इससे पहले लंदन की एक अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सहमति जताई थी. साथ ही उसकी सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि भारत की जेल में उसका ख्याल रखा जाएगा.