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लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है नीरव मोदी, हिरासत अवधि 27 फरवरी तक बढ़ी

पीएनबी घोटाला मामले में भगोड़े नीरव मोदी की हिरासत 27 फरवरी 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई है.

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नीरव मोदी (फाइल फोटो)
नीरव मोदी (फाइल फोटो)

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  • भगोड़े नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ी
  • नीरव की डेविड रोबिंसन की कोर्ट में हुई पेशी

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने पीएनबी घोटाला मामले में भगोड़े नीरव मोदी की हिरासत की अवधि 27 फरवरी 2020 तक बढ़ा दी है. गुरुवार को रिमांड पर सुनवाई के दौरान नीरव की वीडियो लिंक के जरिए जज डेविड रोबिंसन की कोर्ट नंबर 3 में पेशी हुई.    

नीरव ने वीडियो लिंक के दौरान पेशी के वक्त कैदियों वाला ट्रैक सूट पहना हुआ था और वो पहले से अधिक वजन का नजर आ रहा था. नीरव, मार्च 2019 में गिरफ्तार होने के बाद से वैंड्सवर्थ जेल में कैद है. निचली अदालत और हाईकोर्ट में पांच बार कोशिश करने के बावजूद नीरव मोदी को जमानत नहीं मिल सकी है. 

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नीरव दक्षिण-पश्चिम लंदन में जिस वैंड्सवर्थ जेल में कैद है वो इंग्लैंड की सबसे ज्यादा कैदियों वाली जेलों में से एक है. मार्च 2019 में नीरव की गिरफ्तारी स्कॉटलैंड यार्ड ने भारत सरकार की ओर से प्रत्यर्पण वारंट के आग्रह के आधार पर की थी. कोर्ट में स्कॉटलैंड यार्ड का प्रतिनिधित्व क्राउन प्रासीक्यूशन सर्विस (CPS) ने की.   

भारत को नीरव की 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले में कथित भूमिका के लिए तलाश है. भारत के लिए इंग्लैंड के गृह विभाग ने नीरव के खिलाफ वारंट जारी किया था. नीरव के प्रत्यर्पण से जुड़े केस के लिए 11 मई से 15 मई 2020 की तिथि तय की गई है. 48 वर्षीय नीरव निर्धारित प्रत्यर्पण केस के लंबित रहने तक न्यायिक हिरासत में रहेगा.

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पिछली कॉल ओवर सुनवाई पर लंदन में मजिस्ट्रेट कोर्ट में जज डेविड रॉबिंसन ने नीरव मोदी को बताया था कि उसकी दलीलों में ऐसा कुछ खास नहीं है, जिससे डील किया जाए और कोर्ट 11 से 15 मई के बीच 5 दिवसीय प्रत्यर्पण ट्रायल की दिशा में काम कर रहा है.

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