पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी कर देश छोड़ कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. जिस पर लंदन हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने दलील दी कि नीरव मोदी हीरा व्यापारी हैं. इस मामले में भारत सरकार का पक्ष क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) रख रही है. सीपीएस ने कहा गया है कि नीरव मोदी फरार हो सकता है. वहीं इस मामले में आज कोई फैसला नहीं आया और बुधवार को फिर से सुनवाई होगी.
मंगलवार की सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील ने दलील दी कि सफेदपोश अपराध में पलायन की दर कम है. इस पर मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि हो सकता है कि उनकी इच्छा ऐसी न हो, लेकिन ऐसा संभव है. नीरव के वकील ने कहा कि स्विट्जरलैंड और अन्य स्थानों पर उनकी संपत्ति फ्रीज की गई हैं. फायरस्टार की घटना के बाद ज्यादातर मामलों में ऑफिस होल्डर्स ग्रुप की संपत्ति रखते हैं.
क्लेयर ने कहा कि 6 जनवरी 2018 तक ऋण देने में कोई समस्या नहीं थी. गोकुल नाथ शेट्टी की रिटायरमेंट के बाद बैंक ने सुरक्षा गारंटी मांगी, इसके बाद ही समस्या शुरू हुई. उन्होंने कहा कि पीएनबी की कंप्लेन के कारण कंसोर्शियम का पतन हो गया और समूह प्रशासनिक व्यवस्था में चला गया. तब दिसंबर 2017 से नीरव मोदी लंदन में हैं. नीरव मोदी के वकील ने गोकुलनाथ शेट्टी के ब्रैडी हाउस शाखा से रिटायर होने के बाद सभी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग के असुरक्षित होने की आशंका जताई.
उन्होंने दावा किया कि मोदी ने किसी को भी जान से मारने की कोई धमकी नहीं दी. वकील की यह दलील इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सीपीएस, भारत की एजेंसियों की ओर से पूर्व में मोदी द्वारा मिस्टर लाड को अपने खिलाफ बोलने पर जान से मारने की धमकी दिए जाने का पहले दावा कर चुके हैं. लाड उसके बाद काहिरा में था. मोदी के वकील ने अदालत से कहा कि अब जो चित्र उभरता है, वह यह कि ये लोग सहयोग करते हुए सुनिश्चित करें कि भारत लौटकर ईडी से मिलें. उन्होंने कहा कि गवाह का हस्तक्षेप के कोई साक्ष्य नहीं है और दलील दी कि सुभाष परब ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी मर्जी से काहिरा में रहे.
गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पीएनबी के साथ दो अरब डॉलर तक की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है. 31 जनवरी 2018 को इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद सीबीआई ने नीरव की तलाश शुरू की थी, लेकिन काफी दिनों बाद पता चला कि वह लंदन में है. नीरव ने मुकदमा दर्ज होने से पहले ही दिसंबर 2017 में देश छोड़ दिया था.
बता दें कि लंदन की विभिन्न अदालतों में तीन दफे नीरव की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. नीरव के वकीलों ने जमानत राशि 20 लाख पाउंड तक बढ़ाने के साथ ही नजरबंदी तक की पेशकश की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.