केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया था. इस बजट में अफगानिस्तान के लिए विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था, जिसके तहत भारत विकास कार्यों के लिए अफगानिस्तान को 2.5 करोड़ डॉलर की धनराशि देगा.
भारत सरकार ने लगातार दूसरे साल बजट में अफगानिस्तान के लिए आर्थिक तौर को जारी रखा है. पिछले साल के बजट में भी अफगानिस्तान के लिए विशेष पैकेज का ऐलान किया गया था.
तालिबान ने मोदी सरकार के बजट को सराहा
बजट में अफगानिस्तान को तरजीह देने के ऐलान के बाद अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने स्वागत किया है. तालिबान के नेगोसिएशन टीम के पूर्व सदस्य सुहेल शाहीन ने कहा कि हम अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत के सहयोग की सराहना करते हैं. इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा और विश्वास बढ़ेगा.
बता दें कि भारत बीते दो सालों से इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, मानवीय सहायता, शिक्षा संबंधी कई सेक्टर्स में अफगानिस्तान की मदद कर रहा है. इसके साथ ही भारत ने अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक संबंधों पर जोर भी दिया है. कोरोना काल में भारत वैक्सीन और गेहूं सहित कई जरूरी सामान भी काबुल भेज चुका है.
बता दें कि 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान और भारत के संबंध बाधित हुए थे. इस दौरान अफगानिस्तान के वे अधिकतर प्रोजेक्ट्स रुक गए थे, जिनमें भारत आर्थिक मदद कर रहा था.
इसके बाद तालिबान सरकार ने भारत से इन परियोजनाओं का काम बहाल करने का अनुरोध किया था. शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान में ऐसे कई प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें भारत फंड कर रहा है. अगर भारत इन प्रोजेक्टस पर काम बहाल कर देता है तो इससे दोनों देशों के संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान के लोग गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. देश को अभी विकास संबंधी परियोजनाओं की अधिक जरूरत है.