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भारत के खिलाफ नित्यानंद का प्रोपेगेंडा हुआ फ्लॉप, 'कैलासा' पर अब आया UN का बयान

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायोग कार्यालय (ओएचसीएचआर) के प्रवक्ता ने आज तक को बताया कि कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी महीने में यूएन की दो पब्लिक मीटिंग्स में हिस्सा लिया था. इनमें से एक बैठक 22 फरवरी जबकि दूसरी 24 फरवरी को हुई थी. भगोड़े नित्यानंद ने संयुक्त राष्ट्र के मंच तक पहुंचने में एनजीओ के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था.

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विजयप्रिया नित्यानंद (फोटो-Facebook)
विजयप्रिया नित्यानंद (फोटो-Facebook)

भारत में रेप के आरोपों का सामने कर रहे भगोड़े नित्यानंद की प्रतिनिधि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल हुई थीं. यूएन की बैठक में शिरकत करती नित्यानंद की प्रतिनिधि विजयप्रिया की तस्वीरें देशभर में वायरल हुईं, जिसने एक नई बहस को जन्म दिया. लेकिन अब नित्यानंद की प्रतिनिधि के यूएन में पहुंचने पर संयुक्त राष्ट्र का जवाब आया है.

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नित्यानंद की प्रतिनिधि जिस प्रोपेगेंडा के साथ यूएन के मंच पर पहुंची थी, उसे करारा झटका लगा है. आज तक की इन्वेस्टिगेशन में इसकी पुष्टि हो गई है कि भगोड़े नित्यानंद ने संयुक्त राष्ट्र के मंच तक पहुंचने में एनजीओ के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था. यूएन का कहना है कि नित्यानंद की प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो बयान दिया है, उस पर बिल्कुल विचार नहीं किया जाएगा. 

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता ने आजतक/इंडिया टुडे को एक्सक्लूसिव बताया कि यूएन के मंच पर कैलासा के सदस्यों को उनकी प्रचार सामग्री बांटने से भी रोक दिया गया था. 

ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने बताया कि कैलासा के प्रतिनिधियों ने फरवरी महीने में जिनेवा में यूएन की दो पब्लिक मीटिंग्स में हिस्सा लिया था. इनमें से एक एलिमिनेशन ऑफ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट वीमेन (CEDAW) की बैठक 22 फरवरी को हुई थी जबकि दूसरी बैठक 24 फरवरी को हुई थी, जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को लेकर थी, जिसका आयोजन यूएन के सीईएससीआर ने किया था.

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उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को हुई बैठक दरअसल एक तरह की ओपन पब्लिक मीटिंग थी, जिसमें कोई भी हिस्सा ले सकता था. इस बैठक के समक्ष रखे गए सवालों या आरोपों पर एक एक्सपर्ट समिति गौर करती है.इसके बाद विभिन्न पहलुओं पर गौर कर एक मसौदा तैयार किया जाता है. बैठक में शामिल लोगों या संगठनों की शिकायतों, उनके सुझावों और बातों को सुना जाता है. इसके लिए लोगों या एनजीओ को बकायदा बैठक में शामिल होने के लिए रजिस्टर करने को बोला जाता है. संबंधित पक्षों की वैधता के आकलन के बाद ही आगे की कार्यवाही होती है. 

उन्होंने कहा कि कैलासा की परमानेंट एंबेसेडर होने का दावा करने वाली विजयप्रिया नित्यानंद ने जो मीटिंग में जो भी कहा, उस पर गौर नहीं किया जाएगा और ना ही संबंधित समिति के समक्ष भेजा जाएगा. 

भारत पर लगाए थे मनगढ़ंत आरोप

संयुक्त राष्ट्र की मीटिंग में कथित कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया नित्यानंद ने हिस्सा लिया था. उन्होंने यूएन की इस मीटिंग में भारत पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.

विजयप्रिया ने नित्यानंद को हिंदू धर्म का 'सर्वोच्च गुरु' बताते हुए आरोप लगाया था कि उसे सताया जा रहा है. विजयप्रिया ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कहा था कि नित्यानंद को अपने देश में उपदेश देने और वापस आने नहीं दिया जा रहा है. लेकिन अब दुनिया के सामने भगोड़े नित्यानंद का यह प्रोपेगेंडा फेल हो गया है. 

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बता दें कि नित्यानंद 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' नाम से एक नया देश बनाने का दावा करता है. जहां कथित रूप से हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जीवन जीया जाता है. अब नित्यानंद ने अपने देश के एक प्रतिनिधिमंडल को एक महिला की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भेजने का दावा किया है.

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