भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भले ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया हो लेकिन अमेरिकी वीजा के लिए उन्हें आम लोगों की तरह ही आवेदन देना होगा. अमेरिका की विदेश विभाग की प्रवक्ता मैरी हार्फ ने शुक्रवार को मोदी की उम्मीदावारी की घोषणा पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, 'हमारी लंबे समय से चले आ रही वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.'
उन्होंने कहा, 'मैं इस पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगी, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि हमने कभी भी भारत की आंतरिक राजनीति पर कोई प्रतिक्रिया दी है. यह फैसला भारतीय जनता को लेना है, निश्चित तौर पर मुझे किसी भी रूप में कोई फैसला करने का हक नहीं है.'
हार्फ ने कहा, 'लेकिन मोदी वीजा के लिए आवेदन दे सकते हैं और अन्य लोगों की तरह इसकी समीक्षा का इंतजार कर सकते हैं. यह समीक्षा बेशक अमेरिकी कानून के तहत होगी और मैं समीक्षा के परिणामों पर कोई अनुमान नहीं लगाउंगी.'
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी को दिए जाने वाले वीजा में कोई समस्या आ सकती है, जबकि कई राजनीतिज्ञ अमेरिका आसानी से आ जा सकते हैं, उन्होंने कहा, 'मैं यह दोहरा रही हूं हम भारत के आंतरिक राजनीतिक मामलों में नहीं पड़ते. अगर मोदी वीजा के लिए आवेदन देना चाहते हैं और अन्य आवेदकों की तरह उसकी समीक्षा का इंतजार करते हैं तो उन्हें निश्चित तौर पर यह करने की आजादी होगी.'
मोदी ने अमेरिका वीजा के लिए आवेदन तब से नहीं किया जब 2005 में गोधरा दंगे (2002) को नियंत्रित न कर पाने की कथित निष्क्रियता के लिए उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया था. इसके अतिरिक्त उन्हें दिया गया बी-1/बी-2 वीजा भी वापस ले लिया गया था.
इधर अमेरिका के आधिकारिक रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है लेकिन अमेरिकी व्यवसायी मोदी को खुले दिल से अपना रहे हैं और इस मसले पर वहां के प्रशासन और सांसदों के बीच बहस जारी है.