इटली की एक कोर्ट ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि कंपनी के भारत सरकार के साथ 12 हेलीकॉप्टरों की डील में रिश्वतखोरी नहीं हुई थी. कोर्ट ने यह भी पाया कि भारतीय वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड डील को मंजूरी देने के लिए घूस लेने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले हैं.
कोर्ट का यह फैसला पूर्व एयर चीफ मार्शल एस पी त्यागी के लिए राहत की खबर तो है ही, साथ ही कांग्रेस को भी इस फैसले से खुशी मिली होगी. क्योंकि जब इस घोटाले का खुलासा हुआ था, तब कांग्रेस में सत्ता में थी. उस वक्त विपक्ष की पार्टी बीजेपी ने यूपीए सरकार पर घोटाले को दबाने का आरोप लगाया था. आपको बता दें कि घोटाला उजागर होने के बाद भारत सरकार ने इस डील को रद्द कर दिया था.
फिनमेकेनिका के पूर्व सीईओ ग्यूसेप्पी ओर्सी तथा अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व प्रमुख ब्रुनो स्पागनोलिनी को हेलीकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि दोनों को इन्वॉइस में गड़बड़ी जैसे कुछ कम गंभीर आरोपों में दो साल जेल की सजा सुनाई गई है.
आपको बता दें कि भारत ने इस साल एक जनवरी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 एडब्ल्यू101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति का सौदा रद्द कर दिया था. इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति भारतीय वायुसेना को की जानी थी. अनुबंध की शर्तों के कथित उल्लंघन तथा सौदा हासिल करने के लिए 360 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोपों की वजह से सरकार ने यह सौदा रद्द किया.
सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय भारत में इस मामले की अब भी जांच कर रहे हैं. आरोप है कि इस मामले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी व उनके घर-परिवार के कुछ लोगों को लाभ मिला है. प्रवर्तन निदेशालय ने त्यागी और उनके परिवार के सदस्यों, यूरोपीय नागरिक कालरे गेरोसा, क्रिश्चियन मिशेल और गाइडो हास्चेक के खिलाफ मामला दायर किया है.